अवैध असलहों का ‘एमपी’ कनेक्शन उजागर
पिंपरी चिंचवड़ पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर 24 पिस्तौल की जब्त
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने बताया कि, म्हालूंगे पुलिस चौकी की सीमा में फायरिंग की वारदात में आरोपी को पिस्तौल मुहैया करानेवाले के बारे में भोसरी पुलिस के डीबी के कर्मचारी गणेश सावंत और सुमित देवकर को मुखबिर से जानकारी मिली। इसके अनुसार रूपेश पाटिल, जिसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, लूटपाट, आर्म्स एक्ट जैसे संगीन मामले दर्ज हैं, को 4 पिस्तौल और 4 राउंड के साथ गिरफ्तार किया गया। उसने पूछताछ में मध्यप्रदेश से रॉनी बरनाला से पिस्तौल लाने की बात पता चली। इसके अनुसार भोसरी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शंकर अवताड़े, पुलिस निरीक्षक (क्राइम) जितेंद्र कदम के मार्गदर्शन में डीबी के सहायक पुलिस निरीक्षक सिद्धेश्वर कैलासे, कर्मचारी सावंत, देवकर, समीर रासकर, गणेश हिंगे, विनोद वीर, आशीष गोपी, संतोष महादिक के समावेश वाली एक विशेष टीम मध्यप्रदेश पहुंची।
यहां जंगल में जाल बिछाकर और लंबे तक पीछा करते हुए रॉनी को को हिरासत में लेकर उसके पास से 8 पिस्तौल और 20 राउंड बरामद किए गए। इसके बाद उसके साथी कालू पावरा पर शिकंजा कसा गया और उससे 2 पिस्तौल और 5 राउंड बरामद किए गए। उन दोनों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस कस्टडी में जिन बदमाशों को असलहे सप्लाई किये गए थे उन्हें गिरफ्तार कर उनसे भी भारी मात्रा में असलहे जब्त किए गए। इनमें से नन्या उर्फ उमेश रायरिकर, राहुल वाल्हेकर, बंटी शेलके जैसे आरोपियों के खिलाफ मकोका की कार्रवाई की गई है। जबकि अमित दगड़े और धीरज ढंगारे के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामले दर्ज हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि रॉनी अपने साथी कालू और रूपेश के जरिये येरवडा जेल में बंद बदमाशों से सोशल मीडिया पर संपर्क कर उन्हें अवैध असलहे सप्लाई करता था और डील होने के बाद उन मैसेजों को डिलीट कर देता था।