जल उठा मुंगेर…एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़, कई गाड़ियां आग के हवाले

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मुंगेर. ऑनलाइन टीम – बिहार के मुंगेर में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई फायरिंग में मौत का मामला अब और गर्मा गया है। चुनावी माहौल में अचानक यह तब्दीली आई है। भारत निर्वाचन आयोग ने मुंगेर के डीएम और एसपी को हटाने का आदेश दिया है। हालांकि इसमें देरी महंगी पड़ी। 28 तारीख को चुनाव के दिन मुंगेर में शांति रही। बेकापुर और शादीपुर के लोगों ने मतदान में कम भाग लिया। वोटिंग के दिन लग रहा था कि लोगों के अंदर उबल रहे गुस्से से पहले की शांति का दिन था। 28 तारीख के बाद 29 तारीख को लोगों ने थाना पर हंगामा किया, आगजनी हुई। नाराज लोगों ने जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ की। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। थाने पर पथराव किया गया है।

दरअसल, मुंगेर जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत दीन दयाल उपाध्याय चौक पर सोमवार देर रात देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई गोलीबारी और पथराव में एक व्यक्ति की मौत हो गई और सुरक्षाकर्मियों सहित दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसके बाद गुरुवार को लोगों की भीड़ सड़क पर उतर आई। प्रदर्शनकारी 26 अक्टूबर को फायरिंग में एक शख्स की मौत का विरोध कर रहे थे। भीड़ धीरे-धीरे SDO और SP एसपी ऑफिस की तरफ बढ़ गई। इस दौरान भीड़ हिंसक हो गई और उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी। आक्रोशित भीड़ ने कुछ वाहनों का आग भी लगा दी। आरोप है कि एसपी लिपी सिंह ने जलियांवाला बाग कांड की तरह निहत्थे लोगों पर गोलियां और लाठी चलाने के आदेश दे दिए।

यह कोई पहला मामला नहीं है जब मुंगेर एसपी लिपि सिंह को लेकर विवाद शुरू हुआ हो लिपि सिंह पहले भी विवादों में रही है। उन पर मनमानी करने का आरोप लग चुका है। इससे पहले भी बाढ़ में उन पर आरोप लगा था और उन्हें वहां से हटा लिया गया था और सबसे बड़ी बात यह है कि लोग दबी जुबान से उनके पॉलिटिकल कनेक्शन की बारे में बात करते हैं, क्योंकि मौजूदा सरकार से उनका डायरेक्ट संबंध है। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने पूर्व आईएएस अधिकारी एवं जेडीयू के राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह की बेटी हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि लिपि सिंह बेहद क्रूर किस्म की पुलिस अधिकारी हैं। वह जनरल डायर से कम नहीं। ट्रेनिंग के दौरान उनकी पहली तैनाती पटना से सटे नौबतपुर में थानेदार के रूप में हुई। वहां उन्होंने एक सख्त अधिकारी की छवि बनायी। फिर 2018 में उन्हें बाढ़ का एसडीपीओ बनाया गया तो पहली बार उनके राजनीति सरोकारों पर सवाल उठे। दरअसल लिपि सिंह को पटना के आसपास ही पोस्टिंग मिलने से कहा जाने लगा कि उनके सांसद पिता की वजह से ऐसा हो रहा है। इसके अलावा लिपि सिंह के आइएएस पति सुहर्ष भगत को भी पटना में ही पोस्टिंग मिलती रही। इन कारणों से लिपि सिंह के पोलिटिकल कनेक्शन पर सवाल होते रहे।

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