नारायणसामी ने मोदी, हिंदी, बेदी पर साधा निशाना, कहा- सरकार को गिराया गया 

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पुडुचेरी. ऑनलाइन टीम : पुडुचेरी विधानसभा में विश्वासमत खो देने के बाद मुख्यमंत्री नारायणसामी ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने पूर्व एलजी किरण बेदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बेदी और केंद्र सरकार ने विपक्ष के साथ टकराव किया और सरकार को गिराने की कोशिश की। जैसे ही हमारे विधायक एकजुट हुए, हम अंतिम 5 वर्ष निकालने में सफल रहे। केंद्र ने पुडुचेरी के लोगों के साथ विश्वासघात किया है।

इसके साथ ही उन्होंने हिंदी को लेकर जारी विवाद पर कहा कि  तमिलनाडु और पुडुचेरी में हम दो भाषा प्रणाली का पालन करते हैं, लेकिन भाजपा हिंदी को लागू करने के लिए जबरन कोशिश कर रही है। याद रहे, तमिलनाडु सरकार ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी) में प्रस्तावित केंद्र के तीन भाषा के प्रावधान को सोमवार को खारिज कर दिया था और कहा कि राज्य में दशकों से लागू दो भाषा की नीति पर ही अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘‘तमिलनाडु कभी केंद्र की तीन भाषा की नीति का पालन नहीं करेगा।

राज्य दो भाषा (तमिल और अंग्रेजी) की अपनी नीति पर कायम रहेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एनईपी में तीन भाषा का फॉर्मूला दुखद और पीड़ादायी है। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को तीन भाषा की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि 1960 के दशक में द्रमुक ने ही हिंदी विरोधी अभियान चलाया था। नारायणसामी के भी कुछ ऐसे ही पक्ष थे।

नारायणसामी ने कहा विधायकों को पार्टी के प्रति वफादार रहना चाहिए। इस्तीफा देने वाले विधायक लोगों का सामना नहीं कर पाएंगे क्योंकि लोग उन्हें अवसरवादी कहेंगे। साथ ही कहा-हमने द्रमुक और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। उसके बाद, हमने विभिन्न चुनावों का सामना किया। हमने सभी उपचुनाव जीते हैं। यह स्पष्ट है कि पुडुचेरी के लोग हम पर भरोसा करते हैं।  बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने अपने एक विधायक को पिछले साल बाहर का रास्ता दिखा दिया था। 33 सदस्यीय विधानसभा में 30 निर्वाचित सीटें हैं और तीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नॉमिनेटेड सदस्य हैं। कांग्रेस के वर्तमान में नौ विधायक हैं। इनमें विधानसभा अध्यक्ष एसपी शिवकोलुंदी भी शामिल हैं।

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