प्रयेजा सिटी प्रोजेक्ट को पांच करोड़ रुपए का दंड

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पुणे, 23 नवंबर – पर्यावरण कानून का उल्लंघन करने की वजह से पुणे के प्रयेजा सिटी प्रोजेक्ट को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पांच करोड़ रुपए का अंतरिम भरपाई देने का आदेश दिया है। आने वाले दो महीने में यह रकम महाराष्ट्र प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड में जमा करवाना है और इसका इस्तेमाल पर्यावरण संवर्धन के लिए किये जाने का आदेश दिया है।

इस मामले में 23 मार्च 2021 को अगली सुनवाई होगी। तानाजी बाबासाहेब गंभीरे ने एनजीटी के पास याचिका दाखिल की थी। प्रयेजा सिटी की बिल्डिंग के निर्माण में प्रदुषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन किया गया है. भूजल के लिए केंद्रीय भूजल स्टॉक समिति की परमिशन नहीं ली गई थी। प्रोजेक्ट के लिए जो पेड़ तोड़े गए उसकी जगह पर नई पेड़ नहीं लगाई गई। साथ ही सोसाइटी में वाटर प्यूरीफिकेशन प्रोजेक्ट भी नहीं बनाया गया।

इस तरह की शिकायत याचिका में की गई थी। इस वजह से पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन हुआ। इसके लिए किये गए खर्च का ढाई गुना ज्यादा रकम भरपाई के रूप में वसूला गया है. पांच करोड़ रुपए का इस्तेमाल किसी स्वतंत्र प्रोजेक्ट के लिए करने की बात बोर्ड को कही है। न्यायमूर्ति आदर्शकुमार गोयल के एनजीटी बेंच ने यह आदेश दिया है। प्रयेजा सिटी और दो निर्माण कार्य व्यवसायी ने पर्यावरण की दृष्टि से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं लिया था ।

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