फतवे के आगे झुके इमरान, पाक में कृष्ण मंदिर बनाने पर लगी रोक

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इस्लामाबाद. ऑनलाइन टीम – इस्लामाबाद में बनने जा रहे पहले हिंदू मंदिर के निर्माण पर रोक लग गई है, क्योंकि पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने शुक्रवार को मुस्लिम कट्टरपंथियों के फतवे के आगे घुटने टेक दिए। धार्मिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।

मंदिर निर्माण के खिलाफ फतवा : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में पहला मंदिर बनाए जाने से पहले ही बवाल शुरू हो गया है। कई कट्टरपंथी धार्मिक संस्थाओं ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए इसे इस्लाम विरोधी करार दिया है। कुछ दिन पहले ही इस मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी गई थी। इसके लिए इमरान खान सरकार ने 10 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की थी। मजहबी शिक्षा देने वाले संस्थान जामिया अशर्फिया ने मुफ्ती जियाउद्दीन ने मंदिर निर्माण को लेकर फतवा जारी करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों (हिंदुओं) के लिए सरकारी धन से मंदिर निर्माण कई सवाल खड़े कर रहा है।

अब यह कहा सरकार ने : पाकिस्तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का फैसला किया है। धार्मिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि धार्मिक पहलू को देखने के बाद मंदिर को बनाने पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों के लिए फंड जारी करने पर फैसला लेंगे। मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने के बाद उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी।

20 हजार वर्गफुट में बनाया जा रहा मंदिर : बता दें कि भगवान कृष्ण के इस मंदिर को इस्लामाबाद के H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट के इलाके में बनाया जा रहा है। पाकिस्तान के मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्ही ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी।

3 साल से अटका है प्रॉजेक्ट : हालांकि मंदिर के निर्माण का काम कुछ औपचारिकताओं की वजह से 3 साल लटक गया था। इस मंदिर परिसर में एक अंतिम संस्कार स्थल भी बनना है। इसके अलावा अन्य हिंदू मान्यताओं के लिए अलग जगह बनाई जाएगी। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए नरक बन चुका है। यही नहीं आए दिन हिंदू समुदाय की बच्चियों का अपहरण करके उन्हें मुसलमान बना दिया जाता है।

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