2 घन्टे में 600 पुलिसकर्मियों को ‘चॉइस’ पोस्टिंग

पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त की अनूठी पारदर्शिता

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पिंपरी : पुलिसनामा ऑनलाईन – नए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय की बागडोर संभालने के बाद से पुलिस विभाग के कामकाज में पारदर्शिता लाने की कोशिशों में जुटे पुलिस आयुक्त आरके पद्मनाभन ने पारदर्शिता की अनूठी मिसाल कायम की है। मनचाही पोस्टिंग पाने के लिए अर्जियों पर अर्जी और वरिष्ठ अधिकारियों व राजनेताओं के दफ्तरों के चक्कर काटने वाले पुलिस कर्मचारियों को उनकी मनचाही पोस्टिंग देने के लिए उन्होंने नायाब तरीका अपनाया है। इसके लिए सोमवार को आयुक्तालय में कर्मचारियों के लिए एक दरबार लगाया गया और दो घन्टे में तकरीबन 600 पुलिसकर्मियों को ‘चॉइस’ पोस्टिंग दी गई। तबादलों के लिए पुलिस आयुक्त पद्मनाभन द्वारा की गई इस पहल की चहुं ओर सराहना की जा रही है।
पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में क्राइम ब्रांच के तीन नए यूनिट के अलावा कुछ नई चौकियां और पुलिस सहायता केंद्र शुरू किए गए हैं। इन जगहों के साथ ही कुछ पुलिस थानों में भी कर्मचारियों की जरूरत है। उसी में बीते कुछ माह से पुलिस आयुक्त पद्मनाभन के पास आंतरिक तबादले पाने के लिए लगातार अर्जियां मिल रही हैं। अपनी मनचाही पोस्टिंग पाने के लिए कर्मचारी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सिफारिश के लिए राजनेताओं के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। इन तमाम हालातों में पुलिस आयुक्त ने कर्मचारियों का दरबार लगाकर उनकी मनचाही यानी ‘चॉइस’ पोस्टिंग देने का नायाब तरीका अपनाया है। सोमवार को चिंचवड़ प्रेमलोक पार्क स्थित पुलिस आयुक्तालय में यह दरबार लगा था।
इस दरबार में तकरीबन 600 पुलिसकर्मियों को उनकी मनचाही पोस्टिंग दी गई। कर्मचारियों को ‘चॉइस’ पोस्टिंग देते वक्त अपने काम और कर्त्तव्य में कोताही न बरतने की हिदायत दी गई। हालांकि मनचाही पोस्टिंग देते वक्त किसी एक थाने में तीन से ज्यादा साल तक सर्विस करनेवालों को सीधे कंट्रोल रूम और दूसरे थानों में पोस्टिंग दी गई है। क्राइम ब्रांच में काम कर चुके कर्मचारियों को वापस क्राइम ब्रांच नहीं दिया जाएगा, वहां नए कर्मचारियों को मौका मिलेगा। एक ही थाने में तीन से ज्यादा साल तक सर्विस करनेवाले कर्मचारियों के साथ ही ‘चॉइस’ पोस्टिंग की चाह रखने वाले ‘डिफॉल्ट’ कर्मचारियों के मामले में उनके वरिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट अहम साबित होगी। अगर उनकी रिपोर्ट निगेटिव मिली तो संबंधित कर्मचारियों को आयुक्तालय या कंट्रोल रूम भी भेजा जा सकता है।

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