पुणे में ऐसे तीन गोल्डमैन, सबकी हो चुकी अकाल मृत्यु
पुणे : पोलिसनामा ऑनलाईन – इंसान अपनी शौक को पूरा करने के लिए क्या नहीं करता। अगर इसमें सोने का शौक हो तो क्या कहना। तो फिर वह व्यक्ति चर्चा का विषय बन जाता है। पुणे में तीन ऐसे गोल्डमैन थे। तीनों की समय से पहले ही मौत हो गई। पुणे क्षेत्र में जमीन की कीमतें बढ़ने के बाद सोने की मांग तेजी से बढ़ी। उस समय से सोने को प्रदर्शित करने की प्रथा भी शुरू हुई। गोल्डन मैन को मिली प्रसिद्धि के बाद कई लोगों ने उनकी नकल की।
1. रमेश वांजळे – स्वर्गीय विधायक रमेश वांजळे पुणे के पहले गोल्डन मैन थे। वह एक पहलवान थे। राजनीति में प्रवेश करने के बाद उन्होंने सोने की अपनी इच्छा को पूरा करना शुरू कर दिया। उनके गले में सोने की चेन का आकार और वजन दिन-प्रतिदिन बढ़ता गया। जिसके बाद उनकी चर्चा होने लगी। अपने मोटे और कुश्ती के शरीर, दाढ़ी और उस पर भारी सोने के आभूषणों के कारण वांजळे का रुबाब लोगों को दिखने लगा। उनकी दीवानगी देखते ही बनती थी।
वांजळे मूल रूप से कांग्रेस के कार्यकर्ता थे। पिंपरी महानगरपालिका स्मशान घाट में चौकीदारी का काम करते-करते अपने दम पर विधायक बने। अपने पर्सनालिटी और दमदार आवाज की वजह से वह साल 2009 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से विधानसभा पहुंचे। उस दौरान उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ गयी।अपने शरीर पर सोने के गहने पहनकर लोगों के सामने खड़े होकर भाषण देते थे। जिससे लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे। उन्हें लोगों का समर्थन था। शुरुआत में वह कांग्रेस नेता प्रा. रामकृष्ण मोरे के कार्यकर्ता के रूप में काम करता था।
2009 में विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने पहले एनसीपी की कोशिश की थी। हालांकि, अजीत पवार ने वांजळे के शरीर पर पहने सोने पर हैरानी जताई। जिसके बाद वांजळे को अहसास हुआ कि उन्हें एनसीपी से टिकट नहीं मिलेगा। जिसके बाद वह मनसे प्रमुख राज ठाकरे के घर गए। राज ठाकरे भी उस सोने को देखकर हैरान थे। राज ने वांजळे को कम सोना पहनने की सलाह दी। इस पर वांजळे ने स्माइल करते हुए कहा कि लोग इसे पसंद करते हैं। इसलिए मैंने पहना है। दरअसल ठाकरे ने उन्हें इसे केवल त्योहारों या समारोहों के लिए पहनने की सलाह दी। जवाब में वांजळे ने राज को कहा था कि हर दिन सोना पहनना होगा, क्योंकि निर्वाचन क्षेत्र में उन्हें हर दिन कार्यक्रम में लोगों के सामने जाना होगा। हालांकि बाद में 2009 के विधानसभा चुनाव में जीत गए और एमएनएस से विधायक बन गए।
जिसके बाद से वह गोल्डमैन नाम से प्रसिद्ध हो गए। हालांकि जल्द ही वांजळे की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। 10 जून, 2011 को 46 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनकी मौत पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा था। उनके अंतिम संस्कार में भारी भीड़ को आज भी कई लोग याद करते हैं। लोग अभी भी विधायक वांजळे के संवाद को नहीं भूलते हैं वह कहते थे कि `मैं दिखता हूँ विलन जैसा, मगर काम करता हूॅं हिरो का।’
2. दत्ता फुगे – वांजळे की मृत्यु के बाद गोल्डन मैन जैसी कोई चीज नहीं थी। लेकिन, 2012 में एनसीपी के दत्ता फुगे ने सोने की शर्ट सिल दी। उन्होंने सोने के बटन, सोने के फूल और गले में सोने की चेन पहनी। दुनिया में सबसे महंगी शर्ट पहनने वाले व्यक्ति के रूप में फुगे को जाना जाने लगा। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि, फुगे का दुर्भाग्यपूर्ण अंत था। वह फाइनेंस स्कीम चला रहा था। वह एक क्रेडिट यूनियन में एक पदाधिकारी भी थे। उनकी पत्नी एनसीपी कॉर्पोरेटर थीं। 2014 के विधानसभा चुनाव में फुगे खुद भोसरी खुद भोसरी से खड़ा होना चाहते थे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फुगे की हत्या उसके बेटे के उन दोस्तों ने की है, जिनसे फुगे ने कथित रूप से डेढ़ लाख रुपये लिए थे। फुगे को रात में बुलाने के लिए उन लोगों ने एक जन्मदिन पार्टी झूठा प्रलोभन दिया था। ‘पिंपरी गोल्डमैन’ के नाम से चर्चित फुगे पर यहां दिघी के पास शुक्रवार सुबह तलवार, चाकू, डंडे और दरांती से हमला किया गया था। उसके बाद बड़े पत्थरों से मार-कर उसकी हत्या कर दी गई।
3. सम्राट हिरामण मोझे – तीसरे प्रसिद्ध गोल्डनमैन और पुणे के व्यवसायी सम्राट हिरामण मोझे थे। 5 मई को 34 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उनकी मां, पत्नी और दो छोटे बच्चों से बचे हैं। 28 अप्रैल को सम्राट का जन्मदिन मनाया गया। अचानक तबीयत खराब होने के कारण उन्हें कल रात एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वह पूर्व विधायक रामभाऊ मोझे के भतीजे थे। सोने के आभूषण पहनने के सम्राट की शैली अलग थी। उन्होंने लगभग 8 से 10 किलो सोना पहना था। इसीलिए उन्हें गोल्डन मैन का उपनाम दिया गया। सम्राट का कई टीवी चैनेलों ने इंटरव्यू किया है। सम्राट अब पुणे में बस गए थे। उनके निधन से संगमवाड़ी क्षेत्र में शोक फैल गया है। कुछ दिनों पहले ही सम्राट ने पुलिस साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन पर एक फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए बदनाम किया जा रहा है।