तानाशाह किम जोंग के उत्तरी कोरिया में खिड़की खोलना मना है, जानें क्यों

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प्योंगयांग – तानाशाह किम जोंग के उत्तर कोरिया में नई परेशानी खड़ी हो गई है। चीनी से आ रही पीली धूल के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना दुश्वार हो गया है। बात सिर्फ धूल की होती, तो काम चल सकता था, लेकिन उत्तर कोरियां को अंदेशा है कि इस धूल के साथ चीन से खतरनाक कोरोना वायरस भी घुसपैठ कर सकता है। इसलिए किम जोंग ने आदेश दिया है कि देश में सभी घरों की खिड़कियां बंद रखें।

चीन में धूल भरी आंधी का सर्वाधिक बुरा प्रभाव शिन्जियांग, इनर मंगोलिया, शान्क्शी और हबेई में देखा जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, ग्रीष्म ऋतु से पहले चीन में धूल भरी आंधियों का आना एक सामान्य बात है, लेकिन कभी-कभी ये भयानक रूप ले लेती हैं और इसी का अंदेशा उत्तर कोरिया को है। आमतौर पर उत्तरी चीन से शुरू होने वाले रेतीले तूफ़ान का असर चीन के बाहर दक्षिण कोरिया, जापान और अमरीका तक देखा गया है।

जानकारों का मानना है कि धूल भरी आंधी एक वायुमंडलीय परिवर्तन है, जो अधिकतर उन इलाकों में आता है जो सूखा और बंजर होता है। इस तरह के धूल भरे तूफान अधिकतर अरब देशों और अमेरिका के सूखे स्थानों के आसपास आते हैं। हालांकि भारत, चीन और पाकिस्तान में भी इस तरह के तूफान आते हैं। इस तरह के तूफान में हवा सूखी जमीन से मिट्टी को उड़ा कर ले जाती है और पूरा वातावरण धूल भरा हो जाता है। ये तूफान सूखी और बंजर जमीन के अलावा मरुस्थलो से भी जन्म लेता है। मरुस्थलों में इस तरह के तूफान आम देखने को मिलते हैं, क्योंकि यहां कोई ठोस जमीन या चट्टाने नहीं होती बल्कि केवल रेत ही रेत होती है।

बुधवार को उत्तर कोरिया के राज्य मीडिया ने विशेष मौसम क्षेत्रों के बाबत जानकारी को प्रसारित किया, जिसमें 22 अक्टूबर से देशभर में पीले रंग की धूल आने की चेतावनी दी। प्योंगयांग में रूसी दूतावास ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि डीपीआरके के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक मिशन और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों को कड़ी सलाह दी कि वह अंदर ही रहें और और पूरे दिन खिड़कियां खोलने से बचें।

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