कोरोना योद्धाओं के अनशन को राष्ट्रवादी के साथ आरपीआई का समर्थन

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पिंपरी। महामारी कोरोना के काल में अपनी जान की बाजी लगाकर मरीजों की सेवा करने वाले पिंपरी चिंचवड़ मनपा के मानदेयी स्वास्थ्यकर्मियों पर अब नौकरी के लिए अनशन करने की नौबत आई है। मनपा के हॉस्पिटल में मानदेय पर सेवा में लेने की मांग को लेकर कोरोना योद्धाओं ने मनपा मुख्यालय के सामने बेमियादी अनशन शुरू किया है। उनके आंदोलन और अनशन के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस और आरपीआई (आठवले) की ओर से समर्थन दिया गया है।
अनशनकारियों ने शिकायत की है कि कोरोना वायरस का असर अब तक बरकरार है इसके बावजूद उनकी सेवाओं को बढाने की बजाय अचानक उन्हें काम से हटा दिया गया है। स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि जब कोरोना काल के दौरान चारों तरफ में भय का माहौल था, तब स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मनपा के हॉस्पिटलों में सेवाएं दी। शुरू में कर्मचारियों को छह महीने की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था और उसके बाद हर महीने एक महीने का कार्यकाल बढ़ाकर दिया गया। मगर अब उन्हें अचानक काम से हटाया गया, जबकि कोरोना के मरीज़ अभी भी बड़ी संख्या में मिल रहे हैं, इसके बावजूद कर्मियों को क्यों हटाया जा रहा है? उनका कार्यकाल बढाने की मांग को लेकर इन स्वास्थ्य कर्मियों ने अनशन शुरू किया है। इस अनशन में वार्ड बॉय, वार्ड आया, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ सहित 500 से अधिक कर्मी शामिल हैं।
जहां मनपा प्रशासन और मनपा के सत्तादल भाजपा अनशनकारियों की सुध लेने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस और आरपीआई (आठवले) ने उनके अनशन का समर्थन किया है। बीते दिन राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे ने अनशनकारियों से मिलकर उनके आंदोलन का समर्थन किया और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से इस मसले का हल निकालने का भरोसा दिलाया। वहीं आज आरपीआई के शहराध्यक्ष सुरेश निकालजे के नेतृत्व में प्रदेश सचिव बालासाहेब भागवत, अल्पसंख्यक आघाडी के प्रदेश उपाध्यक्ष खाजाभाई शेख, शहराध्यक्ष शेखलाल नदाफ, युवक इकाई के शहराध्यक्ष कुणाल वाव्हलकर, एम्प्लाइज फेडरेशन के जिलाध्यक्ष विनोद चाँदमारे, विद्यार्थी इकाई के अध्यक्ष सुजीत कांबले के समावेश वाले प्रतिनिधि मंडल ने अनशनकारियों से मिलकर उनके अनशन का समर्थन किया और उनके संघर्ष में आरपीआई के उनके साथ रहने का भरोसा दिलाया।
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