जस्टिस लोया मामले की फाइल फिर से खोली जाये क्या? शरद पवार ने ये कहा

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नई दिल्ली, पोलिसनामा ऑनलाइन – सीबीआई न्यायालय के न्यायाधीश बृजगोपाल लोया की मौत से संबंधित सभी डाक्यूमेंट्स 10 वर्षो तक सुरक्षित रखा जाये। इस तरह की विनती के दाखिल की गई याचिका को मुंबई हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। यह याचिका ऐड. सतीश उके ने दायर की थी. अब राष्ट्रवादी प्रमुख शरद पवार ने जस्टिस लोया की जांच के मामले में बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर मांग हो  रही है और जरुरत है तो लोया मामले की जांच हो.

शरद पवार ने जांच की इच्छा जताई 

उन्होंने कहा है कि जस्टिस लोया के मामले में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है. मैंने केवल समाचार पत्रों में लेख पढ़ा है. इन लेखों को देखने के बाद इस मामले की मूल तक जाकर जांच होनी चाहिए। ऐसी इच्छा महाराष्ट्र के कई लोगों की है.मुझे इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है. इस जाँच की मांग करने वालों के कुछ आधार है. इसमें क्या तथ्य है इसकी जांच होनी चाहिए। अगर इसमें कुछ मिलता है तो इसकी इन्वेस्टीगेशन होना चाहिए। ऐसा नहीं है तो किसी के खिलाफ आरोप लगाना गलत है.

मार्च 2015 में जस्टिस लोया को मारने की साजिश हुई थी 
सीबीआई के विशेष जज लोया के पास सोहराबुद्दीन मामले की जांच की जिम्मेदारी थी. इसलिए उन्हें हमेशा धमकी मिलती रहती थी. मार्च 2015 में एक गुप्त बैठक में उन्हें रेडियो एक्टिव आइसोटोप का जहर देकर मारने की साजिश रची गई थी. इस मामले में साजिश का आरोप लगाते हुए ऐड. सतीश उके ने मामले की जांच की मांग की है. जस्टिस लोया की मौत से जुड़ा कई समाचार न्यूज़ पेपर में छप चुका है. जस्टिस लोया की मौत हार्ट अटैक से होने की बात कही जाती है. इसे लेकर संदेह जताया जाता है. इसी मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसे ख़ारिज कर दिया गया है
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