कोरोना प्रतिबंधात्मक टीके का अगले माह से ट्रायल होगा शुरू

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पुणे। पोलिसनामा ऑनलाइन – डेंगू और न्यूमोनिया जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए मोनोक्लोनल वैक्सिन बना चुके पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सिन तैयार किया जा रहा है। कंपनी के अनुसार अगले महीने से इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा और भारत में प्रति डोज के हिसाब से इसकी कीमत एक हजार रुपये की होगी। सीरम इंस्टीट्यूट के साथ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने वैक्सिन के उत्पादन के लिए साझेदारी की है।
कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने मीडिया से की गई बातचीत में बताया, हमें मई से भारत में ट्रायल शुरू कर देने की उम्मीद है। ट्रायल के सफल रहने पर सितंबर-अक्टूबर तक काफी संख्या में वैक्सिन तैयार हो जाएगी। हम भारत में एक हजार रुपये की अफॉर्डेबल कीमत पर इस वैक्सिन को तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। कोविड-19 के लिए पर्याप्त वैक्सिन उपलब्ध हो जाए, इसलिए उत्पादन शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
क्लिनिकल ट्रायल सफल होने की सूरत में हम पहले छह महीनों तक 40 से 50 लाख डोज हर महीने तैयार करने के लक्ष्य के साथ काम करेंगे। उसके बाद उत्पादन एक करोड़ कर दिया जाएगा। इस हिसाब से सितंबर-अक्टूबर तक 2 से 4 करोड़ वैक्सिन डोज तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया, यह वैक्सिन पुणे स्थित सीरम कंपनी में ही तैयार की जाएगी। क्योंकि नया प्लांट तैयार करने में तीन हजार करोड़ की लागत और दो साल का समय लगेगा।
पूनावाला ने कहा कि, इसके लिए हम यहां बाकी सभी वैक्सिन का उत्पादन बंद कर देंगे। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर इस प्रॉजेक्ट में 15 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। हमें उम्मीद है कि सरकार भी पार्टनर बनेगी, जिससे कि हम खर्चे को रिकवर कर सकेंगे।भारत में इस वैक्सिन की कीमत अपेक्षाकृत कम होगी। ब्रिटेन जैसे देशों में भारत से 10 गुना अधिक कीमत पर वैक्सिन मिल रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया उन 7 वैश्विक कंपनियों में शामिल है, जिसके साथ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने वैक्सिन के उत्पादन के लिए साझेदारी की है।
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