आखिरकार फैसला…5 दशक में पहली बार गणतंत्र दिवस पर कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : आखिरकार तय हो गया…।  इस बार देश का 72वां गणतंत्र दिवस बिना किसी विदेशी मेहमान के मनाया जाएगा।  सूत्रों के अनुसार, बदली हुई परिस्थितियों में गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई विदेशी चीफ गेस्ट नहीं बुलाया जाएगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 26 जनवरी का कार्यक्रम भी सादगी और कोरोना प्रोटोकॉल के साथ ही मनाया जाएगा, क्योंकि कोरोना का नया स्ट्रेन भारत में भी चिंता बढ़ा रहा है। ऊपर से बर्ड फ्लू 10 राज्यों में फैल गया है। सरकार का मानना है कि हर हाल में हमें सबसे पहले संक्रमण से लड़ना है।

बता दें कि 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बतौर मुख्य अतिथि शामिल होना था, लेकिन उनका कार्यक्रम अब रद्द हो गया है। दरअसल कोरोना के नए स्ट्रेन के कहर के चलते ब्रिटेन में फिर से टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है। बोरिस जॉनसन ने उम्मीद जताई है कि हालात सुधरने पर वो इसी साल भारत का दौरा करेंगे।

पिछले पांच दशकों में यह पहला गणतंत्र दिवस होगा, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी मेहमान नहीं होगा। इससे पहले सन् 1966 में गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं हो सका था, जब 11 जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री के अचानक हुए निधन के बाद 24 जनवरी को इंदिरा गांधी ने पीएम पद की शपथ ली थी। इसके अलावा सन् 1952 और 1953 में भी भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए थे।

कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ध्यान में रखते हुए इस बार गणतंत्र दिवस परेड भी छोटी होगी। इस साल गणतंत्र दिवस पर 25 हजार से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो पाएंगे।  15 साल से कम उम्र के बच्चों को भी परेड देखने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी। सशस्त्र बलों और पैरा मिलिटरी की ओर से मार्च करने वाली टुकड़ियां भी छोटी रहेंगी।  रूट भी छोटा कर दिया गया है, जिस वजह से परेड विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम पर ही खत्म हो जाएगी, जबकि पहले यह परेड लाल किले पर खत्म होती थी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की संख्या भी बेहद कम होगी।

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