अजीत पवार के साथ 51 नेताओं के ‘भविष्य’ पर लटकी तलवार, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक कर्ज वितरण ‘घोटाला’

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मुंबई : पुलिसनामा ऑनलाइन – आरटीआई कार्यकर्ता सुरिंदर अरोरा ने सीनियर वकील सतीश तलेकर के जरिये याचिका दायर की है ।  कर्ज वितरण में कई प्रकार की गड़बड़ी होने की बात नाबार्ड बैंक द्वारा 2011 में किये गए ऑडिट में कही गई थी। इस खुलासे के बाद रिज़र्व बैंक ने इस बैंक पर प्रशासक नियुक्त कर दिया था ।  बैंक पर बार-बार बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में शामिल राजनीतिक नेताओं दवारा अपने करीबी लोगों को नियम के बाहर जाकर कर्ज देने से बैंक की आर्थिक स्तिथि ख़राब होने की बात सामने आई थी ।
मुंबई हाईकोर्ट जल्द निर्णय लेगी 
कथित घोटाले की जांच सीबीआई को देने की मांग पर फौजदारी जनहित याचिका पर मुंबई हाईकोर्ट जल्द निर्णय सुनाएगी। ऐसे  में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में हुए हज़ारों करोड़ रुपए के कर्ज वितरण घोटले के मामले में बैंक के तत्कालीन डायरेक्टर अजीत पवार, आनंदराव अडसुल, शिवाजीराव नलावडे सहित 51 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगा क्या ? इसका जवाब जल्द मिलेगा।
पुलिस दवारा मामले का संज्ञान नहीं लेने का आरोप 
इस प्रकरण में तत्कालीन डायरेक्टर व अधिकारियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच करने की विनती अरोरा ने की थी। लेकिन आरोप है कि पुलिस ने इसका संज्ञान नहीं लिया।  क्राइम ब्रँच ने 29 जनवरी को अरोरा की शिकायत लिखी थी ।लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई ।   न्यायाधीश सत्यरंजन धर्माधिकारी व न्यायाधीश संदीप शिंदे की खंडपीठ ने क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से इस संबंध में जवाब मांगा था ।  इसमें कोई सच्चाई नहीं मिलने पर सरकारी वकील ने  लोअर कोर्ट में अपील करने के लिए कहा था ।
खंडपीठ क्या निर्णय देगी इस पर सबकी नज़रें 
आखिरकार इस विषय पर दोनों पक्ष का जवाब पूरा हो चुका है और खंडपीठ हमें जल्द उचित निर्णय सुनाएगी। निर्णय सुरक्षित रख लिया गया है।  ऐसे खंडपीठ क्या निर्णय सुनाती है इस पर सबकी नज़रें लगी हुई है ।   क्योंकि इस निर्णय पर कई नेताओं का राजनीतिक भविष्य टिका है ।
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