अजब-गजब…तुर्कमेनिस्तान में कुत्ते की 50 फीट ऊंची ‘सोने’ की मूर्ति, सनकी शासक की करामात

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अश्गाबात. ऑनलाइन टीम – पशुप्रेम अलग-अलग रुपों में दुनिया भर में देखने को मिलते हैं, पर तुर्कमेनिस्तान के सनकी शासक ने गजब का कारनामा कर दिखाया है। उसने अपने पसंदीदा कुत्ते की 50 फीट ऊंची ‘सोने’ की मूर्ति बनवाई है। यह मूर्ति राजधानी अश्गाबात के नए नवेले इलाके के मध्य में बनाई गई है। इस इलाके में कई मार्बल से बनी इमारतें, स्कूल, पार्क, दुकानें, सिनेमा और खेल मैदान स्थित हैं। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2015 में तुर्कमेनिस्तान के इस सनकी तानाशाह ने अपनी सोने की मूर्ति बनवाई थी, जबकि हकीकत यह है कि देश की जनता गरीबी में जिंदगी गुजारने को मजबूर है। शासक को इनकी जिंदगी से जैसे कोई लेना-देना नहीं, जबकि इन्हीं के गाढ़ी मेहनत की कमाई से वह राज करते हैं।

वर्ष 2007 से राज कर रहे गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव ने बुधवार को तुर्कमेन अलबी प्रजाति के इस कुत्ते की विशाल मूर्ति का अनावरण किया। इसे तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा माना जाता है। गुरबांगुली ने कुत्ते की इस प्रजाति को समर्पित करके कई किताबें और कविताएं लिखीं हैं। वह इस कुत्ते को उपलब्धि और विजय का प्रतीक मानते हैं। उन्होंने एक बार तो अलबी प्रजाति के एक कुत्ते को रूस के राष्ट्रपति को गिफ्ट के रूप में दिया था। गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव कुत्ते की इस प्रजाति को लंबे समय से काफी पसंद करते हैं, जो देश में ही पैदा होती है।

तुर्कमेनिस्तान मध्य एशिया में स्थित एक तुर्किक देश है। 1991 तक तुर्कमेन सोवियत समाजवादी गणराज्य के रूप में यह सोवियत संघ का एक घटक गणतंत्र था। इसकी सीमा दक्षिण पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान, दक्षिण पश्चिम में ईरान, उत्तर पूर्व में उज़्बेकिस्तान, उत्तर पश्चिम में कज़ाख़िस्तान और पश्चिम में कैस्पियन सागर से मिलती है। इस देश की राजधानी अश्गाबात है। पशु-पालन यहाँ का प्रधान व्यवसाय है। तुर्कमेनिस्तान में वर्षा की कमी के कारण प्राकृतिक वनस्पति की कमी है। तुर्कमेनिस्तान के 70% क्षेत्रफल पर काराकुम रेगिस्तान फैला हुआ है। मरुस्थलीय भूमि की अधिकता होने के कारण यहाँ के अधिकांश भागों में शुष्क मरुस्थलीय कंटीली झाड़ियां ही मिलती हैं।

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