‘आयुष्मान भारत’ के साथ जुड़ने वाले 1 करोड़ के पार, मोदी ने कहा- यही है विश्वास का सबसे बड़ा आधार

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – स्वस्थ रहने और लंबी आयु का आशीर्वाद…इस उद्देश्य के साथ देश में ‘आयुष्मान भारत’ योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत देश की निम्न आय वाली एक बड़ी आबादी के प्रत्येक परिवार को हर साल पांच लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा नि:शुल्क मिलती है। दुनिया भी भारत की इस स्वास्थ्य योजना का लोहा मानती है। आयुष्मान भारत ने एक करोड़ लाभार्थियों का आंकड़ा पार कर लिया है। अभियान की कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टर, नर्स, हेल्थकेयर स्टाफ की तारीफ की। ट्वीट में लिखा, ‘मैं हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आयुष्मान भारत से जुड़े सभी लोगों की सराहना करता हूं। उनके प्रयासों ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम बना दिया है। इस पहल ने कई भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों और दलितों का विश्वास जीता है।’ उन्होंने कहा कि 2 साल से भी कम समय में आयुष्मान भारत ने बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस अभियान का कई जिंदगियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। मैं सभी लाभार्थियों और उनके परिवारों को बधाई देता हूं। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी प्रार्थना करता हूं। आयुष्मान भारत’ सही मायनों में विश्वास का सबसे बड़ा आधार है।
During my official tours, I would interact with Ayushman Bharat beneficiaries. Sadly, that is not possible these days but I did have a great telephone interaction with Pooja Thapa from Meghalaya, the 1 croreth beneficiary. Here is what we discussed. https://t.co/vsUOEEo5pM
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2020
आयुष्मान भारत से कोरोना का इलाज : हाल में आयुष्मान भारत योजना के तहत कोरोना इलाज की सुविधा दी गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने अप्रैल में कहा था कि अब 50 करोड़ से अधिक नागरिक जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना यानी आयुष्मान भारत के अंतर्गत आते हैं, निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस संक्रमण की मुफ्त जांच और पैनल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। मुश्किल की इस घड़ी में कोरोना के डर से लोगों को काफी हद तक राहत मिली।
आयुष्मान भारत योजना के बारे में जानें : आयुष्मान भारत योजना को केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2018 को मंजूरी दी थी और इसकी शुरुआत 30 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में की थी। इस योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को पांच लाख तक का कैशरहित स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है।