उत्तर प्रदेश को बड़ी क्षति…6 माह के अंदर 5 विधायकों की मौत, इतिहास में ऐसा नहीं हुआ

0

लखनऊ. ऑनलाइन टीम – उत्तर प्रदेश विधानसभा ने पिछले छह महीनों के दौरान योगी मंत्रिमंडल के दो सदस्यों समेत अपने 5 विधायकों को खो दिया है। विधानसभा सत्र के पहले दिन गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमल रानी वरुण, चेतन चौहान, पारसनाथ यादव, वीरेन्द्र सिंह सिरोही के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित की थी। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब विधानसभा को अपने चार मौजूदा सदस्यों के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करनी पड़ी। इसके बाद देर रात भाजपा के एक और विधायक जनमेजय सिंह का हृदयाघात से निधन हो गया।

प्रदेश ने इन्हें खोया-
-बुलंदशहर सदर से भाजपा विधायक वीरेन्द्र सिंह सिरोही का दो मार्च को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। करीब 74 वर्षीय सिरोही लीवर की बीमारी से पीड़ित थे।

-समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और जौनपुर के मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक पारसनाथ यादव का लंबी बीमारी के बाद 12 जून को निधन हो गया था। सपा संस्थापक मुलायमसिंह यादव के करीबी यादव छह बार विधायक, दो बार सांसद और तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे थे।

-प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण का निधन कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से दो अगस्त को एसजीपीजीआई में हो गया था। दो बार भाजपा की सांसद रहीं श्रीमती वरुण 2017 के चुनाव में पहली बार घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुई थीं।
-होमगार्ड मंत्री और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का 16 अगस्त को निधन हो गया। 73 वर्षीय चौहान कोरोना की चपेट में आकर एसजीपीजीआई में भर्ती हुए थे, जहां किडनी में संक्रमण के कारण उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

-देवरिया के सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनमेजय सिंह विधानसभा सत्र में भाग लेने लखनऊ आए थे, जहां देर रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा। सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया। पेस मेकर लगाने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। वर्ष 2012 और 2017 में भाजपा के टिकट पर निर्वाचित सिंह 75 साल के थे।

You might also like
Leave a comment