भारतीय गुप्तचर बताकर गिरफ्तार, 28 वर्ष बाद पाकिस्तान से भारत आने पर परिवार ने मनाई दिवाली

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नई दिल्ली, 17 नवंबर – पाकिस्तान में 28 साल रहने के बाद 78 वर्षीय शमसुद्दीन फिर से भारत में अपने घर आ गए है। शमसुद्दीन और उनके परिवार का 28 वर्षों के बाद मिलन होने पर भावनाओं का सैलाब बह निकला। शमसुद्दीन को भारतीय गुप्तचर बताकर गिरफ्तार किया गया था। लेकिन वह सारे दोष से मुक्त कर दिए गए हैं। शमसुद्दीन के वापस घर आने पर परिवार ने दिवाली मनाया।

26 अक्टूबर को शमसुद्दीन को पाकिस्तान की जेल से छोड़े जाने के बाद अमृतसर में उन्हें क्वारंटाइन किया गया था। उत्तर प्रदेश ने सोमवार को शमसुद्दीन को कानपुर लेकर आई। उसके बाद परिवार को सौंप दिया गया। इस मौके पर पूछे गए कुछ सवालों के जबाव सर्कल अधिकरी त्रिपुरारी पांडे ने दिए।

शमसुद्दीन को जब घर ले जाया जा रहा था तो उनकी बहन शबीना उन्हें देखकर बेहोश हो गई तो उनकी बेटी आंखों से आंसू पोछ रही थी। शमसुद्दीन का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे।

शमसुद्दीन ने इस मौके पर बताया कि जेल में मैंने बहुत कुछ सहा है। मेरी रिहाई दिवाली का सबसे बड़ा गिफ्ट है। जूते बनाने का कारोबार करने वाले शमसुद्दीन कुछ रिश्तेदारों के साथ हुए विवाद के बाद 1992 में भारत छोड़ दिया था और 90 दिन के वीजा पर पाकिस्तान गए थे। कुछ समय के बाद उन्होंने परिवार को कानपूर भेजकर वही रह गए थे। 2012 में उन्हें भारतीय गुप्तचर बताकर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद वह 8 साल पाकिस्तान की जेल में रहे। 26 अक्टूबर को उन्हें छोड़ दिया गया।

अटारी बॉर्डर से शमसुद्दीन ने भारत की सीमा में प्रवेश किया। लेकिन कोरोना की वजह से उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन में रखा गया। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस 14 नवंबर को अमृतसर पहुंची। इसके बाद शम्सुद्दीन को परिवार को सौंप दिया गया।

उन्होंने कहा कि हमारा देश सर्वोत्तम है। पाकिस्तान में भारतीयों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। वहां जाकर मैंने बहुत बड़ी गलती की। भारतीयों के साथ वह दुश्मन की तरह बर्ताव करते है।

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