याचिकाकर्ता को मिली कानून की सीख, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-ऐसे मामलों में हाईकोर्ट को पूरा अधिकार है

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को कानून का पाठ पढ़ाया। याचिकाकर्ता ने एपिडेमिक एक्ट को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था।

दरअसल, याचिकाकर्ता महाराष्ट्र में क्वारेंटाइन हुआ था और इस ख्याल से सुप्रीम कोर्ट गया कि एपिडेमिक एक्ट केंद्रीय का कानून है, इसलिए सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ही होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको किसने कहा कि हाईकोर्ट नहीं जा सकते। आप पहले लाइब्रेरी जाइये और अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट के अधिकार को देखिये। हाईकोर्ट को केंद्रीय कानून को निरस्त करने का पूरा जूरिडिक्शन है। आप यहां से अर्जी वापस लें और हाईकोर्ट जाएं।

ये कहना कि केंद्रीय कानून के खिलाफ हाईकोर्ट को अधिकार नहीं है। यह बिल्कुल गलत धारणा पर आधारित है। हाईकोर्ट के पास ऐसे मामले में पूरा अधिकार है कि वह केंद्रीय कानून को निरस्त कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम याचिका पर सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं। तब याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।

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