भारत में भी करिश्मा…दिल्ली में चली बिना ड्राइवर की मेट्रो
नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : बिना ड्राइवर वाली ट्रेन की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली मेट्रो दुनिया के उन चुनिंदा सात मेट्रो नेटवर्क में शामिल हो गई, जहां बिना ड्राइवर मेट्रो चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में सोमवार को दिल्ली मेट्रो की इस सेवा की शुरुआत की। फिलहाल राजधानी में जनकपुरी वेस्ट से बॉटनिकल गार्डन के बीच यह मेट्रो चलेगी। इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है।
ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज से 3 साल पहले मेजेंटा लाइन की शुरुआत हुई थी, अब इसी लाइन पर ड्राइवरलेस मेट्रो की शुरुआत हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि भविष्यों की जरूरतों के लिए देश काम कर रहा है। शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की मांग और पूर्ति में काफी अंतर आया। शहरीकरण को चुनौती न मानकर अवसर के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। लोगों की यात्रा को बेहतर बनाने के लिए यह एक नए युग की शुरुआत है।
पीएम मोदी ने कहा ‘2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी। आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है। वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं, साल 2014 में देश में सिर्फ 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन्स आपरेशनल थीं, आज ये करीब तीन गुनी यानी सात सौ किलोमीटर से ज्यादा हैं।’ मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गई है।’
पीएमओ के मुताबिक यह चालकरहित ट्रेन पूरी तरह से स्वचालित होगी, जो किसी भी मानवीय त्रुटि की संभावना को खत्म कर देगी। इसे कंट्रोल रूम से ही ऑटोमैटिक तरीके से ऑपरेट किया जा सकेगा। अभी के लिए, DMRC केवल लाइन 8 पर UTO मोड को चालू कर रहा है। इसके बाद मजलिस पार्क-शिव विहार के बीच भी 2021 के मध्य में चालक रहित ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है। आम मेट्रो की ही तरह इस ड्राइवरलेस ट्रेन में भी 6 कोच होंगे। दिल्ली मेट्रो ने ड्राइवरलेस ट्रेन को एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि बताया है। डीएमआरसी के एक अधिकारी ने बतायी कि पिछले करीब 3 साल से ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन का ट्रायल कर रहे थे। दिल्ली मेट्रो ने पहली बार सितंबर 2017 को इसका ट्रायल शुरू किया था। इस ड्राइवरलेस ट्रेन में 2,280 यात्री एक बार में सफर कर सकते हैं, जबकि हर कोच में 380 यात्री सवार हो सकते हैं।
बता दें कि अब भी अधिकतर मेट्रो को रिमोट कंट्रोल ऑपरेशन रूम से नियंत्रित किया जाता है, जिसे ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर (OCC) के रूप में जाना जाता है, जहां से इंजीनियरों की टीमें DMRC नेटवर्क में रियल टाइम ट्रेन मूवमेंट पर नजर रखती हैं। वैसे अलग-अलग लाइन पर परिस्थिति के मुताबिक ड्राइवर या ट्रेन ऑपरेटर के पास नियंत्रण होता है।