पहली बार हमारे जलस्रोत में मिली ऐसी मछली जो खतरा देख रंग बदल लेती है और शिकार देख खतरनाक हो जाती है

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – पहली बार किसी भारतीय जलस्रोत में ऐसी मछली खोजी गई है, जो न सिर्फ रंग बदलने में माहिर है, बल्कि बेहद जहरीली भी है। यह रात में समुद्र में निकलकर शिकार करती है। समुद्र की गहराई में अपने शिकार के करीब आने का इंतजार करती है। इसका सेंसरी ऑर्गन बहुत तेज है। जैसे ही शिकार करीब आता है ये बिजली की तेजी से झपट कर उसे खा जाती है। इसका नाम है स्कॉर्पियनफिश। मन्नार की खाड़ी में यहमछली पहली बार मिली है, बिल्कुल समुद्री घास के रंग में बदली हुई।

जहर से भारी नुकसान : CMFRI के साइंटिस्ट्स डॉ. आर जेयाबास्करन ने कहा कि स्कॉर्पियनफिश का वैज्ञानिक नाम स्कॉर्पिनोस्पिसिस नेगलेक्टा है। इस मछली की रीढ़ में पाया जाने वाला जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। अगर यह इंसान के शरीर में चला जाए तो भयानक दर्द होता है। अगर इसे सावधानी से नहीं पकड़ा गया तो इसके जहर भारी नुकसान हो सकता है।

घास में छिपी थी : डॉ. जेयाबास्करन ने कहा कि पहली बार हमने देखा तो घास में छिपी थी। उसके बाद यह एक कोरल स्केलेटेन की तरह दिख रही थी। समझ में नहीं आ रहा था कि मछली है या फिर फॉसीलाइड्ड कोरल स्केलेटन। चार सेकंड के बाद ही मछली ने अपने शरीर का रंग बदलकर काला किया। तब समझ में आया कि यह दुर्लभ स्कॉर्पियनफिश है।

पूंछ पर काले धब्बे : यह मछली 10 सेंटीमीटर दूर से छोटे-छोटे जीवों द्वारा छोड़ी गई तरंगों को पकड़ लेती है। इसकी पूंछ में ही ज्यादातर सेंसरी ऑर्गन होते हैं। साथ ही इसकी पूंछ पर काले धब्बे होते हैं, इसलिए कुछ लोग इसे बैंडटेल स्कॉर्पियनफिश कहते हैं। डॉ. आर. जेयाबास्करन ने बताया कि फिलहाल हमने इस मछली को नेशनल मरीन बायोडायवर्सिटी म्यूजियम में भेजा है, ताकि इसके बारे में और अध्ययन किया जा सके।

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