सीमा विवाद : चीन की अब होगी चौतरफा घेराबंदी, भारत के साथ ए यूएस-जापान समेत ये बड़े आसियान देश

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नई दिल्ली, 4 जुलाई – भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वी लद्दाख में किये गए अचानक दौरे से भारतीय सेना का हौसला बुलंदियों पर है। माना जा रह है कि चीन ने अगर बातचीत से मसले को सुलझाने के लिए आगे नहीं आई तो सेना हर तरह से जवाब देने के लिए तैयार है। चीन पहले ही अंतर्राष्ट्रीय मंच पर घिर चुका है। भारत को केवल अमेरिका का ही नहीं बल्कि दुनिया के दर्जनों देशों का साथ मिल रहा है। आइये जानते भारत के साथ कौन कौन से बड़े देश है।

अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निशाने पर चीन काफी पहले से है। अब भारत के साथ चीन के विवाद से अमेरिका को एक मौका मिल गया है चीन पर दवाब बनाने का। इसके लिए अमेरिका ने भारत दवारा चीनी ऐप पर लगाए गए प्रतिबंध का समर्थन किया है।

फ्रांस
फ्रांस के रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखकर भारतीय जवानों की शहादत पर दुःख जताया है। फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने लिखा, ये सैनिकों, उनके परिवारों और राष्ट्र के खिलाफ एक कठिन आघात था। इस कठिन हालात में मैं फ़्रांसिसी सेना के साथ अपना समर्थन व्यक्त करना चाहता हूं फ्रांस की सेना आपके साथ खड़ी है।

जापान
जापान ने कहा है कि वो नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने वाली किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है। जापान ने भारत के प्रयासों की तारीफ की है। जापान के भारत में राजदूत सतोषी सुजुकी ने भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रींगला से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, भारत सरकार के शांतिपूर्ण समाधान की प्रयासों कि मैं तारीफ करता हूं। जापान आशा करता है कि इस मसले का हल शांतिपूर्वक होगा।

ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका और चीन में बढ़ते तनाव के बीच वो अपने सैन्य ख़र्चों का बजट बढ़ाएंगे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि वो अगले 10 साल से सेना का बजट 270 अरब ऑस्ट्रेलियन डॉलर करेंगे।
ASEAN देश
दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के नेताओ ने दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। सदस्य देशों ने कहा कि 1982 में हुई संयुक्त राष्ट्र समुंद्री कानून संधि के आधार पर दक्षिण चीन सागर में संप्रभुता का निर्धारण किया जाना चाहिए।

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