सरकार का बड़ा फैसला…लोन मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाने वालों को अनुग्रह राशि या कैशबैक दी जाएगी

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – कोरोना की महामारी से लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा था। इससे राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लोन पर मोरेटोरियम देने का फैसला किया था। इसमें ग्राहकों की इच्छा पर था कि वे अपनी ईएमआई का भुगतान करें या न करें। मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो गई, तो बैंकों ने सख्ती शुरू की। इसे देखते हुए ब्याज पर ब्याज वसूलने के कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। देश की सबसे बड़ी अदालत में 2 नवंबर 2020 को इस मामले पर अगली सुनवाई होने वाली है।

इस बीच, केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार को ब्याज पर ब्याज माफी के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है। ब्याज पर यह छूट 2 करोड़ रुपये तक के उन लोन पर मिलेगा, जिन्होंने मार्च से अगस्त के बीच लोन मोरेटोरियम का लाभ उठाया है। इस योजना का नाम ‘लोन खातों में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए साधारण ब्याज के बीच अंतर के भूतपूर्व भुगतान के अनुदान के लिए योजना’ रखा है। यह छूट 1 मार्च 2020 से लेकर 31 अगस्त 2020 के बीच ब्याज पर मिलेगी। इसके अनुसार जिन कर्जदारों के ऊपर 29 फरवरी तक कुल ऋण 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है, वे योजना का लाभ उठाने के लिये पात्र होंगे। इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन कर्ज, MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), टिकाऊ उपभोक्ता सामन के लिये लिया गया कर्ज और खपत के लिये लिया ऋण आएगा।

साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जिन्होंने इस दौरान लोन मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया है, उन्हें अनुग्रह राशि या कैशबैक दी जाएगी। यह भुगतान 2 करोड़ रुपये तक के लोन लेने वाले छोटे उद्यमी या व्यक्तियों को दिया जाएगा। वित्तीय संस्थान संबंधित कर्जदार के खाते में रकम डालकर उसके भुगतान के लिये केंद्र सरकार से दावा करेंगे। सूत्रों के अनुसार सरकारी खजाने पर इस योजना के क्रियान्वयन में 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

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