मध्य प्रदेश को दोहरी खुशी…टाइगर स्टेट के बाद अब तेंदुआ स्टेट का भी तमगा मिला  

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भोपाल. ऑनलाइन टीम : वन संपदा से लबरेज मध्य प्रदेश की अलग ही शान है। वनों से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होती है। राज्य का 90% जलाने हेतु विधान वनों से प्राप्त किया जाता है। जंगल में पाए जाने वाले जानवरों की खाल से प्रतिवर्ष 20 लाख रुपए की आय होती है। यही कारण है कि प्रदेश के अनेक वन क्षेत्रों में पर्यटन स्थल विकसित किए गए हैं जो राज्य की आय का स्रोत हैं।

अब इस प्रदेश को एक और तमगा मिला है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने तेंदुए के गणना रिपोर्ट जारी की है। देश में भर में तेंदुए की संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। बाघों के बाद देश में सबसे ज्यादा तेंदुए मध्यप्रदेश में हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया है कि 4 साल में देश में तेंदुओं की संख्या में 62 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। 2014 की गणना के अनुसार देश में तेंदुए की संख्या 7,910 थी। वहीं, 2018 के गणना में पूरे देश में तेंदुए की संख्या 12,852 हो गई है।

मध्य प्रदेश में तेंदुए की संख्या इतनी अधिक है कि दूसरे राज्य इसके करीब भी नहीं हैं। यहां कुल 3421 तेंदुए हैं।  दूसरे नंबर पर कर्नाटक में तेंदुए की संख्या 1783 है जो एमपी से काफी पीछे हैं। 2014 में 1817 तेंदुए थे। 2018 में की कई गणना में 1604 तेंदुए बढ़े हैं। वह भी तब, जब प्रदेश में विभिन्न कारणों से हर साल 60 तेंदुए की मौत होती है। तेंदुए की गिनती ट्रैप कमैर से हुई है। आंकड़े सामने आने के बाद एमपी को बाघ के बाद तेंदुआ स्टेट का तमगा मिला है। वहीं, इस प्रदेश में  बाघों की संख्या भी सबसे ज्यादा है। प्रदेश में अभी 526 बाघ हैं।

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