बंगाल में होगी धन की बरसात…विकास के बूते जम्मू-कश्मीर में परचम लहराने में कामयाब रही है भाजपा  

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कोलकाता. ऑनलाइन टीम : पश्चिम बंगाल पर इस बार सरकार पूरजोर धन लुटाने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र ने  कई परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर फंड रिलीज किया है। स्मार्ट सिटी से लेकर ग्रामीण सड़कों तक, केंद्र धीरे-धीरे चुनावी राज्य में योजनाओं की बरसात कर रहा है। कारण स्पष्ट है, आगामी विधानसभा चुनावों पर बीजेपी की नजर है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जिसकी आबादी 91.3 मिलियन है, जिसका पांचवां हिस्सा गरीब है। यह भारत के कुल भूमि क्षेत्र का केवल 2.7 प्रतिशत हिस्सा है और इस जनसंख्या घनत्व के कारण अक्सर सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता के संदर्भ में कई मुश्किलें आती हैं। 2021 तक, पश्चिम बंगाल की आबादी में अतिरिक्त 10 मिलियन की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो इसे ‘100 मिलियन’ का राज्य बना देगा। हालांकि, आने वाले वर्षों में इतनी बड़ी आबादी की देखभाल करने के लिए इसकी मौजूदा विकास की गति पर्याप्त नहीं है।

पश्चिम बंगाल आठ सबसे गरीब राज्यों में से एक है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर जैसे सामाजिक संकेतकों में उच्च अभाव स्तर को दर्शाता है। भूमि-सुधार के उपायों को फिर से लागू करने के बावजूद, कमजोर सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक नीतियां खासकर बच्चों से संबंधित विकास को बाधित करती हैं। अनुसूचित जनजाति अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा गरीब हैं एवं अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति दोनों ही अन्य वर्गों की तुलना में स्कूली शिक्षा और बुनियादी सेवाओं तक पहुंच में काफी पीछे हैं। पिछले एक दशक में, पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का विस्तार हुआ है, हालांकि, स्वास्थ्य सुविधाओं का वितरण कम है और दुर्गम क्षेत्रों में अक्सर कार्यरत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होते ही नहीं हैं।

इसलिए जानकार बताते हैं कि सबसे ज्यादा ध्यान शहरी आवास योजना पर दिया जाएगा।  केंद्र ने PMAY (शहरी) के तहत 4.71 लाख घरों को मंजूरी दी है और इसके लिए  7,354 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। 27 दिसंबर को केंद्रीय स्वीकृति-निगरानी समिति की बैठक में अगले सप्ताह और अधिक घरों को मंजूरी दिए जाने की संभावना है। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे कुछ हद तक यहां के जीवन स्तर को उठाया जा सकेगा। इसके अलावा सरकार, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत नई ग्रामीण सड़क परियोजनाओं को मंजूरी देने की योजना बना रही है। इसके अलावा, न्यू टाउन, कोलकाता में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत परियोजनाओं के उद्घाटन की भी योजना बनाई जा रही है।

इनमें एक इको पार्क में सौर स्ट्रीट लाइटिंग प्रोजेक्ट, जल संरक्षण और मधुमक्खियों का कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं और न्यू टाउन स्मार्ट सिटी में सीसीटीवी लगाने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती, केंद्रीय योजना को राज्य सरकार की इच्छा के बिना चालू करना होता है। अधिकांश राज्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए केंद्र की छात्रवृत्ति योजनाओं पर निर्भर हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल इसमें पीछे रहा है। यहां तक कि बंगाल सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन से भी हाथ पीछे खींच लिया और अब मिशन के तहत केवल एक शहर- न्यू टाउन कोलकाता है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत, केंद्र सरकार की स्वच्छता पहल, राज्य सरकार ने शौचालय का निर्माण किया था, लेकिन खुले में शौच से मुक्त प्रमाण पत्र प्राप्त करने की दिशा में काम नहीं किया।

राज्य से तृणमूल कांग्रेस की ममता सरकार को हटाने के लिए केंद्र सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। इसलिए माना जा रहा है कि इन योजनाओं को किसी भी तरह वहां लागू कराने पर बल दिया जाएगा, ताकि लोग सरकार के प्रति सकारात्मक विचार रखें और इसका फायदा विधानसभा चुनावों में हो। विकास पर किए गए खर्च का असर अभी हाल ही में जम्मू-कश्मीर में देखा गया है, जहां डीडीसी चुनावों में भाजपा इसी विकास के बूते सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।

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