NASA की ‘हबल’ दूरबीन ने दिखाया दुर्लभ नजारा, पहली बार दिखी आकाश गंगा की ऐसी झलक

0

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन  – नासा के अंतरिक्ष टेलिस्कोप हबल ने कुछ महीने पहले ब्रह्मांड में एक और आकाशगंगा का पता लगाया था। लेकिन, नासा का कहना है कि यह आकाशगंगा हमारी मौजूदा आकाशगंगा की तुलना में बौनी है। नासा के स्पेस टेलिस्कोप हबल से इस आकाशगंगा का अध्ययन किया गया जिसके बाद ही इसे बौना कहा था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी की एक दूरबीन ने पहली बार अंतरिक्ष में एक अनूठा नजारा देखा है। नेशनल एरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने NGC 3895 की एक आश्चर्यजनक तस्वीर को कैद किया है, जो कि एक स्पाइरल आकाशगंगा है और इसकी खोज पहली बार 1790 में विलियम हर्शेल द्वारा की गई थी लेकिन ‘कॉस्मिक रिंग ऑफ फायर’ नाम के इस नजारे को पहली बार देखा गया है।

एक साइंटिस्ट के मुताबिक, दूर उर्सा प्रमुख तारामंडल में एक दूर की ओर घूमने वाली आकाशगंगा है, जो किसी तारों की आंख वाले बरिस्ता के द्वारा कॉफी जैसी संरचना बनाता है।’ विशेषज्ञों का कहना है कि हबल पर रिकॉर्ड की गई आकाशगंगा मिल्की वे से 50 गुना अधिक दर से तारे बना रही है। नासा के लिए हबल टेलीस्कोप इसमें बहुत मददगार साबित होता है जो अंतरिक्ष में इंसान की ओर से भेजी गई अब तक की सबसे बड़ी दूरबीन है।

हबल टेलीस्कोप पृथ्वी के हलचल भरे वातावरण से ऊपर की कक्षा में मौजूद है। जिससे ग्रहों, सितारों और आकाशगंगाओं के नए नए नजारे देखने को मिलते हैं। जानकारी के मुताबिक, यह टेलिस्कोप जमीन से लगभग 570 किमी ऊपर अंतरिक्ष में स्थित है, जहां टेलीस्कोप पृथ्वी के चारों ओर 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से घूमता है और एक बार पृथ्वी का चक्कर पूरा करने में 96 मिनट लेता है।

You might also like
Leave a comment