नई दिल्ली : उस वक़्त 9 गोलियां, अब 9 दिन……. ; फिर एक बार मौत का सामना कर वेंटीलेटर से बाहर आया चीता

June 10, 2021
नई दिल्ली, 10 जून : सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन कुमार चिता एक बार फिर से अपनी स्पिरिट को लेकर चर्चा में है। सीआरपीएफ के इस जाबांज जवान ने इस बार कोरोना संक्रमण के खिलाफ अपना स्पिरिट दिखाया है।
कोरोना से संक्रमित होने के बाद कमांडेंट चीता 9 मई को एम्स झज्जर में भर्ती हुए थे। उनकी हालत खराब होने के बाद उन्हें 30 मई को वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों को भी उनके हेल्थ को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन धीरे धीरे चीता की तबियत में सुधार होने लगा और 9 दिनों के बाद उन्हें वेंटीलेटर से हटा दिया गया। अब उन्हें हाई ऑक्सीजन फ्लो पर रखा गया है।
उत्तम नर्सिग जरुरी
हरियाणा के झज्जर में नेशनल कैंसर संस्था के कोविड सर्विस चेयरमैन डॉ. सुषमा भटनाग ने बताया कि कृति चक्र पुरस्कार विजेता अधिकारी की स्थिति में सुधार आ रहा है। उनकी हालत स्थिर है। उनकी काउंसिलिंग करना हमारा अगला कदम होगा। डॉक्टरों का कहना है कि वे पूरी तरह से ठीक हो इसके लिए उन्हें नर्सिग देखभाल का ध्यान रखना होगा।
आतंकवादी हमले में लगी थी 9 गोलियां
इससे पहले चेतन कुमार चीता कश्मीर में सीआरपीएफ की 45वी बटालियन में कमांडेंट अफसर थे। 2017 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। उन्हें 9 गोलियां लगी थी। ये गोलियां उनके ब्रेन, दाई आंख, पेट, दोनों हाथ और पीछे कमर में लगी थी। लेकिन उन्होंने उस वक़्त भी मौत को मात दे दी थी।
एम्स के डॉक्टर्स ने किये थे कई ऑपरेशन
उस वक़्त ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने के लिए कई तरह के ऑपरेशन किये थे। उन्होंने सबसे पहले उन्हें स्टेबल किया था। इसके बाद डॉक्टरों की अलग अलग टीमों ने ऑपरेशन किया। दाई आंख का उपचार किया था। लेकिन यह इस उपचार में सफलता नहीं मिली। ऑर्थोपेडिक्स ने शरीर के फ्रैक्चर पर काम किया। उन्हें अप्रैल 2017 में हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिल गया था। इसके बाद वह 2018 में फिर से ड्यूटी पर आ गए थे।