50 मासूमों के यौन शोषण की खुलेगी पोल…जांच बताएंगे राज, घिनौनी करतूत की जड़ें कितनी गहरीं
मासूम बच्चों के यौन शोषण और फोटो-वीडियो के ऑनलाइन व्यापार के आरोपित सस्पेंड जेई रामभवन का ब्लड टेस्ट कराने की भी अर्जी सीबीआई की ओर से अदालत में दी गई। वहीं, साइकोलॉजिकल और वाइस सैंपल टेस्ट की अर्जी पहले ही दी चुकी है। मामले में चार जनवरी को सुनवाई होगी। बांदा में एडीजे पंचम मो. रिजवान अहमद की अदालत में सस्पेंड जेई के मामले की सुनवाई हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई विभाग में तैनात आरोपी करीब दस साल से ये गंदा काम कर रहा था। आरोपी अपने विभाग के काम से अलग होकर कथित तौर पर ऑनलाइन वीडियो और फोटोग्राफ की बिक्री भी करता था। उसने बच्चों का शारीरिक शोषण तो किया ही, साथ ही अपने इस गंदे काम में मोबाइल फोन, लैपटॉप और बाकी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल किया। इसके जरिए वो बाल यौन शोषण वाली तस्वीरें और वीडियो फिल्मों को इंटरनेट के जरिए पॉर्न साइट्स को बेचता था। आरोप ये भी है कि राम भवन ने कई और लोगों के साथ मिलकर आपत्तिजनक सामग्री की बिक्री, प्रसारण और साझाकरण के लिए डार्कवेब का भी इस्तेमाल किया। अधिकारियों के मुताबिक पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया है कि वह इन घिनौने कृत्यों को छिपाने के लिए पीड़ित बच्चों को पैसा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण समेत कई और चीजें भी देता था।
हिरासत में लिए गए इंजीनियर के मेल आइडी को जब CBI ने खंगाला तब पता चला कि इसका लिंक विदेशों में भी है। वह बच्चों की ऑनलाइन तस्वीरें और विडियो बेचता था। साथ परिवार वालों को भी समय-समय पर धमकाता रहता था। आरोपी इंजीनियर के सबसे ज्यादा शिकार 5 से 16 के नाबालिग बच्चे हुए हैं। वह बच्चों को मोबाइल फोन का लालच देकर अपने जाल में फंसाता था।
सिंचाई विभाग कर्वी में तैनात रहे जेई रामभवन (अब निलंबित) करीब 12 साल से मासूम बच्चों का यौन शोषण कर रहा था। इसकी तस्दीक उसके और मकान मालिक के बीच हुए विवाद से हुई। वर्ष 2008 में जेई बांदा में जिस मकान में किराए पर रहता था, उसका मालिक जेई की हरकतों को भांप गया था। जेई की शिकायत उसके पिता से भी की थी और अपना मकान खाली करा लिया। बेटे की करतूत से शर्मसार पिता ने आनन-फानन में 2009 में प्रयागराज के ट्रांसपोर्टनगर में जेई की शादी कर दी। इसके बाद बेटे से दूरियां बना ली थीं। जेई के घर जाने पर हालचाल लेना तो पैर छुआने तक बंद कर दिए थे।