पानी के इस्तेमाल पर पुणे मनपा को हाईकोर्ट से लगी फटकार 

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पुणे : पोलीसनामा ऑनलाईन – हाईकोर्ट ने पानी इस्तेमाल को लेकर पुणे मनपा को जोरदार फटकार लगाई। पुणे मनपा महाराष्ट्र जल संसाधन नियमन प्राधिकरण के नियमों का पालन क्यों नहीं करती? इस बारे में राज्य सरकार द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जाती? यह सवाल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व पुणे मनपा से पूछे। खड़कवासला डैम प्रोजेक्ट से पुणे मनपा को जल संसाधन नियमन प्राधिकरण की नियमावली के अनुसार पानी लेना जरूरी है। लेकिन मनपा प्रशासन द्वारा पिछले कुछ वर्षों से अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को खेती के लिए पानी नहीं मिल रहा।
इसलिए इंदापुर के सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप पाटिल ने मनपा द्वारा अतिरिक्त पानी के इस्तेमाल के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मार्च व अप्रैल में विभिन्न तारीखों पर सुनवाई में याचिकाकर्ता प्रताप पाटिल की ओर से एड्। शकुंतला वाडेकर तथा पुणे मनपा की ओर से एड्। अभिजीत कुलकर्णी ने पक्ष रखा। जल संसाधन विभाग ने इससे पहले हुई सुनवाई में अपना एफिडेविट कोर्ट के सामने पेश करते हुए दावा किया है कि मनपा नियम के अनुसार पानी का इस्तेमाल नहीं करती। राज्य सरकार व पुणे मनपा ने अब तक कोर्ट में एफिडेविट पेश नहीं किया। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
एड्। शकुंतला वाडेकर ने बताया कि मनपा नियमों का पालन नहीं करती। इस पर राज्य सरकार द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इस बारे में कोर्ट ने जानकारी पूछी। मनपा ने पानी मिलने के लिए अलग-अलग जानकारी के पत्र राज्य सरकार के समक्ष पेश किए हैं। इसलिए राज्य सरकार को कोर्ट में एफिडेविट पेश करने का आदेश दिया गया है।
एड्। अभिजीत कुलकर्णी ने बताया कि मनपा 50 लाख की जनसंख्या के लिए जरूरी पानी का इस्तेमाल कर रही है। मनपा ने राज्य सरकार को बार-बार अधिक पानी दिलाने के लिए पत्र भेजे हैं। पुणे शहर व परिसर के गांवों की जनसंख्या बढ़ रही है, मनपा द्वारा जरूरत के मुताबिक ही पानी लिया जा रहा है। जल संसाधन नियमन प्राधिकरण के कुछ नियमों के बारे में मनपा को आपत्ति है। इसलिए मनपा कोर्ट में अपील करेगी।
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