Pune Crime News | बुजुर्ग मां-पिता को मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना नहीं देने का पुणे कोर्ट का उच्च शिक्षित बेटे व बहू को आदेश

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पुणे : पुलिसनामा ऑनलाइन – 18 दिसंबर, उच्च शिक्षित बेटे व बहू से हो रही मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना पर वृद्ध मां-पिता ने पुणे कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कोर्ट ने वृद्ध दंपत्ति का पक्ष सुनकर बेटे व बहू को मां-पिता को किसी तरह की शारीरिक यातना नहीं देने का आदेश 17वे सह न्यायदंडाधिकारी प्रथम वर्ग, पुणे न्यायाधीश डॉ. जी.आर. डोरनलपल्ले ने दिया है. वृद्ध दंपति की तरफ से एड्. प्रसाद निकम ने कोर्ट में दलील पेश की.

वृद्ध दंपति ने बेटे को उच्च शिक्षित कर उसकी शादी कराई. लेकिन, शादी के बाद बेटे ने बुजुर्ग मां को शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित करने की शुरुआत की. बेटे से मिल रही यातना से परेशान होकर वृद्ध मां ने एड्. प्रसाद निकम के जरिए कोर्ट में पारिवारिक हिंसा कानून के तहत याचिका दायर कर मदद मांगी. बेटे से मिल रही प्रताड़ना के कारण मां ने बेटे व बहू के खिलाफ पारिवारिक हिंसा कानून की धारा 18, 19, 20, 22 व 23 के तहत याचिका दायर की है.

इस याचिका पर कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मां की याचिका मंजूर कर ली. इस पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (मां) के साथ बेटे व बहू द्वारा पारिवारिक हिंसा किया जा रहा यह नजर आ रहा है. इसलिए बेटे व बहू को याचिकाकर्ता (मां) को किसी तरह की शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना नहीं देने का संरक्षणात्मक आदेश दिया जा रहा है.

इस मामले में याचिकाकर्ता (मां) की तरफ से एड्. प्रसाद निकम ने दलील पेश की. उनकी मदद एड्. मंसूर तांबोली, एड्. तन्मय देव व एड्. शुभम बोबडे ने की.

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