वैज्ञानिकों ने निकाला तोड़, इस जानवर के खून से बन सकती है कोरोना की दवा

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गुवाहाटी. पोलिसनामा ऑनलाइन –  कोरोना के संक्रमण से दुनिया परेशान हैं। शोधकर्ता, वैज्ञानिक दवा की खोज में लगे हुए हैं। इसी बीच एक चौंकाने वाली खबर आई है। बेल्जियम के कुछ शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अमेरिका में पाई जाने वाली ऊंट की एक प्रजाति (लामा) के खून से कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार की जा सकती है।

यह है खासियत : बता दें कि लामा के कूबड़ नहीं होता। आकार में भी ये ऊंट से छोटे होते हैं, लेकिन इनकी गर्दन काफी लंबी होती है। यह ऊंट जैसा दिखने वाला जानवर इसलिए खास है, क्योंकि यह हमलावर से बचने के लिए अपना बदबूदार थूक का एक फव्वारा दूसरों के ऊपर फेंक देता है, जिसे बर्दाश्त न कर पाने के कारण हमलावर भाग जाते हैं। इसके खून में हीमोग्लोबिन बड़ी मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण वे ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में भी आसानी से सांस ले पाते हैं।

पहले हो चुका है प्रयोग : बता दें कि कोविड-19 के फैमिली वायरस MERS और SARS के मामले में भी लामा के खून में मौजूद एंटी बॉडी प्रभावी साबित हुए थे। दूसरी तऱ्फ, दक्षिण कोरिया में भी हुए एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में नेवले की एक प्रजाति को भी उपयोग में लाया जा सकता है। नेवले की इस प्रजाति पर कोविड-19 का असर बिल्कुल इसानों जैसा ही दिखाई देता है। इसलिए कोरोना का एंटी वायरस ड्रग तैयार करने में इसकी काफी मदद ली जा सकती है।

शोधकर्ता खउश : वीलाम्स इंस्टीट्यूट फॉर बायोटेक्नोलॉजी’ के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। उनका कहना है कि लामा के खून से कोरोना वायरस के कहर को बेअसर किया जा सकता है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि लामा के एंटीबॉडीज इंसानों के एंटीबॉडीज की तुलना में काफी छोटे होते हैं और छोटे एंटीबॉडीज होने की वजह से वायरोलॉजिस्ट खून में मौजूद छोटे अणुओं की मदद लेकर कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन या ड्रग बना सकते हैं। विज्ञान की भाषा में इसे नैनोबॉडी टेक्नोलॉजी कहते हैं।

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