शिवसेना मनपा की सत्ता में शामिल होने को तैयार अब भाजपा के रूख पर नजर

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पिंपरी : पोलीसनामा ऑनलाईन – पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के प्रभाग समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा ने अपने मित्र दल शिवसेना को शामिल नहीं किया।  एक भी प्रभाग समिति का अध्यक्ष पद शिवसेना को नहीं दिया है। इसके बाद अब विषय समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव और शिवसेना को सत्ता में शामिल करने को लेकर भाजपा के स्थानीय सीनियर नेताओं का क्या रूख रहता है? क्या निर्णय लेते है? यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

लोकसभा चुनाव को लेकर शिवसेना-भाजपा में गठबंधन हुआ। यह गठबंधन विधानसभा चुनाव के लिए भी हुआ है। गठबंधन के बाद पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की सत्ता में शामिल करने की मांग शिवसेना ने की। इस संबंध में पालकमंत्री गिरीश बापट को एक पत्र सौंपा गया। स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव में शिवसेना ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर गठबंधन धर्म का पालन किया था। प्रभाग समिति चुनाव में सत्ताधारियों द्वारा शिवसेना को शामिल करने की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन सत्ताधारी ने शिवसेना को ठेंगा दिखा दिया है। इसके बावजूद मुख्य विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस और मित्र दल शिवसेना ने अपने उम्मीदवार ने उतारकर निर्विरोध चुनाव होने दिया।

शिवसेना को विषय समिति का अध्यक्ष पद मिलने की उम्मीद थी। विषय समिति के सदस्यों का कार्यकाल जल्द पूरा हो जाएगा। 20 मई को होने वाली  साधारण सभा की बैठक में इसके सदस्य चुने जाएंगे। इसके बाद होने वाले चुनाव में किसी भी समिति का अध्यक्ष पद मिलने की उम्मीद शिवसेना को थी। अब विषय समिति अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा शिवसेना को शामिल करेगी क्या? यह देखना होगा। पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के चुनाव में पांचों प्रमुख पार्टियां अलग से चुनाव लड़ी थी। भाजपा ने विरोधियों को परास्त कर कमल फूल खिलाया था। इसके बाद मनपा के कामकाज का मुख्य रूप से विरोध करने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना और मनसे जैसे पार्टियों के नगरसेवकों ने समय-समय पर सत्ताधारी के खिलाफ आवाज उठाया।

भाजपा द्वारा निश्चित रूप से विचार किया जाएगा : योगेश बाबर

इस संबंध में शिवसेना के शहर प्रमुख योगेश बाबर ने कहा कि मनपा की सत्ता में शामिल करने को लेकर भाजपा से चर्चा की जाएगी। शिवसेना संपर्क प्रमुख बालाभाई कदम पालकमंत्री गिरीश बापट और भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप से चर्चा करेंगे। प्रभाग समिति के चुनाव के दौरान सभी पदाधिकारी चुनाव में व्यस्त थे। इसलिए सत्ता में शामिल होने पर चर्चा नहीं हो पाई। अब विषय समिति के चुनाव में शिवसेना को शामिल करने पर भाजपा निश्चित रूप से विचार करेगी।

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