तो अब इन किरणों की मदद से होगा कोरोना का खात्मा, वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी
हूस्टन : समाचार ऑनलाइन – कोरोना के तांडव से बेहाल दुनिया के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। रिसर्चर्स ने एक स्टडी के जरिये यह दिखाया है कि कोरोना वायरस को विटामिन रिबोफ्लेबिन और पराबैगनी किरणों के संपर्क में लाया जाए तो ये मानव प्लाज्मा और रक्त उत्पादों में वायरस की मात्रा को कम करते है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जिससे खून चढ़ाये जाने के दौरान वायरस के प्रसार की आशंका को घटाने में मदद मिलेगी।
वैज्ञानिको ने कहा है कि अब भी यह पता नहीं चल पाया है कि कोविड १९ के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस खून चढ़ाने से फैलता है या नहीं। वैज्ञानिको ने प्लाज़्मा के नौ और तीन रक्त उत्पादों के उपचार के लिए मिरासोल पैथोजन रिडक्शन टेक्नोलॉजी सिस्टम नाम का एक उपकरण विकसित किया है. इस स्टडी की सह लेखिका इजाबेला रगान ने कहा कि हमने वायरस की बड़ी मात्रा को घटाया और इलाज के बाद हमें वायरस नहीं मिला। रिसर्चर्स का कहना है कि यह उपकरण 1980 के दशक में उस वक़्त मददगार बना जब एचआईवी खून और रक्त उत्पादों के जरिये फ़ैल गया था. हालांकि गुडरिच ने कहा कि फ़िलहाल मिरासोल का इस्तेमाल केवल अमेरिका से बाहर खासकर यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ़्रीका में स्वीकृत है।