चीनी शोधकर्ताओं का दावा-ट्रेन में 8 फीट से कम दूरी घातक, संक्रमण फैलने की आशंका
लंदन. ऑनलाइन टीम – चीनी शोधकर्ताओं ने हाई स्पीड ट्रेन में संक्रमण फैलने की आशंका आंकने के बाद दावा किया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए ट्रेन या मेट्रो में सफर के दौरान यात्रियों के बीच आठ फीट की दूरी रखना जरूरी है। अध्ययन के नतीजे ऐसे समय में सामने आए हैं, जब ज्यादातर देशों में कंपनियों ने कर्मचारियों को दफ्तर लौटने का निर्देश दिया है। ऑफिस पहुंचने के लिए लोग बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया : यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्प्टन के शोधकर्ताओं ने 19 जनवरी से छह मार्च के बीच सार्स-कोव-2 वायरस के प्रसार के तौर-तरीकों पर अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि एक संक्रमित यात्री के दाईं-बाईं ओर की तीन तथा आगे-पीछे की तरफ की पांच सीटों पर बैठे 0.32 मुसाफिरों के वायरस के जद में आने का खतरा था। वहीं, संक्रमित व्यक्ति के बगल वाली सीट पर यात्रा करने वाले यात्रियों के संक्रमित होने का जोखिम 3.5 प्रतिशत अधिक था। यह भी बताया गया कि एक ही लाइन में बैठे लोगों में वायरस के प्रसार की दर 1.5 प्रतिशत थी।
यात्रा छोटी हो तो भी रखें ध्यान: शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर कोविड-19 से संक्रमित होने से अनजान कोई व्यक्ति ट्रेन में यात्रा कर रहा है और उससे आठ फीट का फासला नहीं बनाया गया है तो स्वस्थ व्यक्ति महज दो घंटे की यात्रा में वायरस की जद में आ सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक एक घंटे की यात्रा के दौरान भी सुरक्षा के लिहाज से कम से कम एक मीटर की दूरी जरूरी है। शोधकर्ता डॉ. शेंगजी लाइ के मुताबिक अध्ययन से पता चलता है कि ट्रेन में कोविड -19 के प्रसार का खतरा काफी अधिक है। संक्रमित व्यक्ति के साथ यात्रा करने का समय और सीट की दूरी बड़ा अंतर पैदा कर सकती है। ऐसे में महामारी के दौरान यह जरूरी है कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए।