पुणेकर पर कोरोना संकट के मंडराते बादल; भाजपा विधायक बंगाल चुनाव प्रचार में व्यस्त
पुणे : एक ओर पुणेकर कोरोना के भयंकर भीषण संकट से जूझ रहा है, ऐसे में भाजपा विधायक पिछले 15 दिनो से पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। पुणे कंटोनमेंट के विधायक सुनील कांबले, शिवाजी नगर के विधायक सिद्धार्थ शिरोले के साथ पूर्व सभागृह नेता व वरिष्ठ नगरसेवक धीरज घाटे व अन्य पदाधिकारी के नाम शामिल हैं। वही विधायक कांबले कल शाम को ही पुणे वापस आए हैं।
कोरोना की दूसरी लहर से महाराष्ट्र का बहुत नुकसान हुआ है। इसमे पुणे की हालत बहुत गंभीर है। रोजाना साढे 4 से 5 हजार मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में जरूरतमंत मरीजो को बेड नहीं मिल रहा है, रेमडेसिविर और ऑक्सीजन के अभाव की वजह से परिस्थिति और विकट हो गई है। इसलिए अब पुणेकर डर गए हैं। ऐसी हृदय विदारक परिस्थिति होने के बाद भी पुणे के भाजपा विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। इसलिए अपनी समस्याओं के समाधान के लिए चुने गए जनप्रतिनिधि ही गायब हैं तो जनता किसके पास मदद मांगने जाएगी।
विशेष बात ये हैं कि इन विधायकों के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से ज्यादा बंगाल चुनाव महत्वपूर्ण है। यह बहुत ही आश्चर्य की बात है। एक ओर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विधायक चंद्रकांत पाटिल खुद कोथरूड निर्वाचन क्षेत्र के लोगो की मदद के लिए रात-दिन एक कर रहे हैं और दूसरी ओर विधायक कांबले, शिरोले ने बंगाल में ताल ठोक रखा है। इससे अब लोग नाराजगी जता रहे हैं।
वही विधायक कांबले 15 दिन के प्रचार को खत्म कर के रविवार को वापस पुणे आए। साथ ही नगरसेवक घाटे भी दो दिन पहले वापस आए हैं। विधायक शिरोले से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन नहीं हो पाया। इसलिए वे पुणे वापस आए हैं या बंगाल में प्रचार ही कर रहे हैं ये स्पष्ट नहीं हो पाया है।
मैंने पश्चिम बंगाल में प्रचार के दौरान भी पुणे कंटोनमेंट निर्वाचन क्षेत्र के लोगो की मदद के लिए पूरा सिस्टम लगाया हुआ था। इस माध्यम से 155 लोगों को बेड, 52 लोगों को वेंटिलेटर उपलब्ध कराया है। कंटोनमेंट अस्पताल को मदद प्रदान किया। खून की कमी होने पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया। वानवडी में 100 ऑक्सीजन बेड का कोविड सेंटर शुरू किया, भवानी पेठ में भी ऐसा ही सेंटर शुरू हो रहा है इन सभी बातो का ब्योरा मैंने रविवार को लिया। – सुनील कांबले, विधायक, पुणे कँटोन्मेंट
पुणेकरो ने जिन्हे वोट देकर विधायक बनाया वही कोरोना संकट में उन्हे छोड़कर प्रचार के लिए चले गए। इन विधायको को लोगो के जीवन से ज्यादा राजनीति और चुनाव महत्वपूर्ण लगता है। यह बहुत ही दुखद है। केंद्र के माध्यम से पुणे के लिए ज्यादा से ज्यादा रेमडेसिविर और ऑक्सीजन मिले इसके लिए विधायक को कोशिश करने की जरूरत है। ऐसा होने के बाद भी ये लोग प्रचार के लिए निकल गए। ये बात पुणेकर कभी नहीं भूलेंगे, समय आने पर सबक सिखाएंगे। – रमेश बागवे, कांग्रेस शहर अध्यक्ष