गैरजरूरी डीपीआर के खर्च की जिम्मेदारी अब मुख्य अधिकारी पर होगी

0

पुणे : पोलीसनामा ऑनलाईन – नागरी स्थानीय निकाय संस्थाओं (लोकल बॉडीज) के जरिए जनता को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से डीपीआर तैयार करते समय अनुपयोगी बातें जोड़कर बनाये जाने वाले अनावश्यक डीपीआरफ के कारण आने वाले अतिरिक्त आर्थिक बोझ की जिम्मेदारी संबंधित मुख्य अधिकारी की होगी। नगर विकास विभाग के सरकारी सर्कुलर में यह बात स्पष्ट की गई है। यानी अनावश्यक डीपीआरफ का फंड उन्हें ही देना होगा। बता दें कि लोकल बॉडीज द्वारा जनसुविधाओं हेतु विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट पूर्ण करने के लिए डीपीआर बनाये जाते हैं। ऐसे प्रोजेक्ट पूर्ण करने हेतु संबंधित राशि नागरी संस्था या सरकारी निधि से मंजूरी हेतु पेश की जाती है। हालांकि इसमें पीएसी (लोक लेखा समिति) की साक्षी के दौरान कुछ नागरी संस्थाएं अनावश्यक डीपीआर तैयार करती हैं और यह बात सरकार की नजर में आ गई है। इस वजह से अनावश्यक डीपीआर को अपेक्षित फंड व प्रशासनिक मंजूरी न मिलने पर संबंधित डीपीआर बनाने का भारी खर्चफ बर्बाद हो जाता है। इसी वजह से सरकार ने डीपीआर तैयार करते समय पारदर्शिता के लिए कुछ निर्देशों को ध्यान में रखने को कहा है।

लोकल बॉडीज को इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित प्रोजेक्ट तैयार करते समय शहर के लिए जरूरी व प्राथमिकता का क्रम निश्चित करने के बाद ही डीपीआर बनाना चाहिए। मुख्य अधिकारी को सावधानीपूर्वक इस बात पर ध्यान देना होगा कि अनावश्यक डीपीआर न बने। उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि क्या प्रोजेक्ट का डीपीआर बनाते समय उसके लिए फंड उपलब्ध होगा? क्या परियोजना हेतु जगह उपलब्ध है? क्या संबंधित प्रोजेक्ट व्यवहारिक है? इन सवालों पर गौर करने के बाद ही संबंधित प्रोजेक्ट का डीपीआर तैयार किया जाना चाहिए। सरकार ने स्पष्ट किया कि यदि गैरजरूरी डीपीआर तैयार किया गया और उसका कुछ आर्थिक बोझ लोकल बॉडी पर पड़ा तो उसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्य अधिकारी पर रहेगी।

You might also like
Leave a comment