पूरी दुनिया में बढ़ी हल्दी की मांग, हो सकती है अच्छी आमदनी, आप भी आजमाएं

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – आज हल्दी कोरोना वायरस के सामने कवच बनकर खड़ी है। मार्च महीने में कोरोना वायरस ने जब यूरोपीय और पश्चिम एशिया के देशों में कहर बरपाना शुरू हुआ तो अचानक हिन्दुस्तान के पारंपरिक खान-पान में सदियों से शामिल हल्दी की मांग अचानक उन देशों में अचानक बढ़ गई। दरअसल, मेडिकल साइंस को जब हल्दी के गुण पता चले तो ये सच सामने आने लगा कि हल्दी के सेवन से कोरोना बीमारी से बचा जा सकता है और अगर इंफेक्शन हो भी गया है, तो इलाज में हल्दी से काफी हद तक मदद मिल सकती है। दरअसल, हल्दी को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, इसलिए इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। मीडिल ईस्ट, अमेरिका, यूरोप और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों से हल्दी की मांग बढ़ी है। इस कारण दाम 4 फीसदी तक बढ़कर 60-62 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गया है।

भारत सबसे बड़ा उत्पादक : भारत की तरफ दुनिया की नजर है, क्योंकि सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक देश है। पुरी दुनिया में सबसे ज्यादा हल्दी का उत्पादन भारत में ही होता है, जो कि कुल वैश्विक उत्पादन का 70 से 75 फीसदी है। एक अनुमान में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 तक हल्दी का निर्यात बढ़कर 15 फीसदी तक हो सकता है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश में कुल 9,38,955 टन हल्दी का उत्पादन हुआ था, जिसमें से दिसंबर 2019 तक 1,01,500 टन का निर्यात हुआ था।

अच्छी आमदनी हो सकती है : एक बीघे में हल्दी के दो कुंतल बीज लग जाते हैं, जो हमें 1500 से 1800 रुपए क्विंटल मिलता है। एक बीघे में अंत तक 6000 हजार से 7000 रुपए की लागत आती है। एक बीघे में कच्चा माल लगभग 25 से 30 क्विंटल निकल आता है जिसका रेट 2500 से 3000 के बीच होता है। एक बीघे में लगभग 1 लाख रुपये रुपये की आमदनी हो सकती है।

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