पिंपरी चिंचवड़ में आज साफ होगी विधानसभा चुनाव की तस्वीर

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पिंपरी : पुलिसनामा ऑनलाइन –  गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर आखिरी दौर तक चली रस्साकशी के बाद भाजपा- शिवसेना- आरपीआई व अन्य मित्रदलों की महायुति की घोषणा हो गई। इसके विपरीत दोनों कांग्रेस के गठबंधन की घोषणा पहले ही हो गई। मगर इसके बावजूद पिंपरी चिंचवड़ शहर में विधानसभा की तीनों सीटों से महायुति औऱ महागठबंधन के बागियों ने बगावत का परचम लहराया है। कल (सोमवार) नामांकन वापसी की आखिरी मियाद के बाद शहर में चुनावी संघर्ष की तस्वीर साफ हो सकेगी।
महायुति में सीटों के बंटवारे के तहत चिंचवड़ विधानसभा की सीट भाजपा के पास गई है। भाजपा ने यहां से मौजूदा विधायक लक्ष्मण जगताप को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में उन्हें कड़ी टक्कर देनेवाले शिवसेना राहुल कलाटे ने इस बार बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के उन्हें चुनौती दी है। दूसरे प्रत्याशियों की भांति कलाटे भी चिंचवड़ से प्रबल इच्छुक थे। माना जा रहा था कि महायुति में शिवसेना के शामिल होने की सूरत में राष्ट्रवादी कांग्रेस का दामन थामेंगे। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया और राष्ट्रवादी ने आज नामांकन भरने की आखिरी मियाद में विधायक जगताप के परम शिष्य रहे स्थायी समिति के भूतपूर्व सभापति प्रशांत शितोले को यहां से प्रत्याशी घोषित किया है। मगर उन्हें एबी फॉर्म ही नहीं दिया गया और उनका नामांकन खारिज हो गया।
पिंपरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र की सीट शिवसेना को मिली है और पार्टी ने यहां से मौजूदा विधायक एड गौतम चाबुकस्वार को पुनः मैदान में उतारा है। इस सीट के लिए भाजपा के कई इच्छुक थे। चाबुकस्वार के खिलाफ लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे महामंडल के अध्यक्ष अमित गोरखे, नगरसेवक बालासाहेब ओव्हाल, भूतपूर्व नगरसेवक भीमा बोबड़े इन भाजपा नेताओं ने बतौर निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है। भाजपा के अलावा महायुति में शामिल आरपीआई (आठवले गुट) की वरिष्ठ नेता चंद्रकांता सोनकांबले ने भी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन पत्र दाखिल किया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी अण्णा बनसोडे के खिलाफ राष्ट्रवादी की नगरसेविका सुलक्षणा धर जिन्हें पहले प्रत्याशी घोषित किया गया औऱ बाद में पत्ता काट दिया गया, के अलावा नगरसेवक राजू बनसोडे, पूर्व नगरसेवक शेखर ओव्हाल व कांग्रेस के मनोज कांबले ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन भरा है। भोसरी विधानसभा में महायुति के प्रत्याशी विधायक महेश लांडगे के खिलाफ राष्ट्रवादी कांग्रेस भी खुले तौर पर प्रत्याशी देने में नाकाम रही है। उसने पूर्व विधायक विलास लांडे को पुरस्कृत किया है। वहीं भूतपूर्व विपक्षी नेता दत्ता साने ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है।

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