अज़ीम प्रेमजी नंबर वन…तोड़ा रिकार्ड, हर रोज़ दान किए 22 करोड़ रुपए

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – दिग्गज सूचना तकनीक कंपनी विप्रो के संस्थापक अज़ीम प्रेमजी की महानता के एक नहीं, सैकड़ों उदाहरण हैं। धन-वैभव के शिखर पर पहुंचने के बाद प्रेमजी ने त्याग और परोपकार की ऐसी मिसाल पेश की है, जिस सुनकर हर किसी का सिर उनके सम्मान में झुक जाए। उनकी इस उदारता पर बॉयोटेक की संस्थापक और अजीम प्रेमजी की दोस्त किरन मजूमदार शॉ ने एक बार ट्वीट किया था, ‘अजीम प्रेमजी बेहद खास हैं, बेशकीमती हैं और सच्चे ‘भारत रत्न’ हैं। उनकी उदारता की कोई सीमा नहीं है।

प्रेमजी फिर चर्चा में हैं। एक दिन में 22 करोड़ रुपये और एक साल में 7904 करोड़ रुपये दान करने वाले वित्तीय वर्ष 2020 में सबसे दानवीर भारतीय बन गए हैं। हुरून रिपोर्ट इंडिया और एडेलगिव फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेमजी ने एचसीएल टेक्नोलॉजी के शिव नाडर को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है, जो इससे पहले परोपकारियों की लिस्ट में शीर्ष पर चल रहे थे। इस साल उन्होंने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। सबसे अमीर भारतीय और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी दानवीर भारतीयों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं।

अजीम प्रेमजी का जन्म 1945 में कराची में हुआ था। उनके पिता चावल और तेल के बड़े व्यापारी थे और मुंबई में आकर बस गए थे। देश के विभाजन के बाद जिन्ना ने उनसे पाकिस्तान में बसने का आग्रह किया, लेकिन अजीम प्रेमजी के पिता ने मना कर दिया। अजीम प्रेमजी ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनीवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की। पिता का अचानक देहांत होने के बाद प्रेमजी को फैमली बिजनेस संभालने के लिए भारत वापस आना पड़ा। इस समय उनकी उम्र सिर्फ 21 वर्ष थी। उन्होंने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की और शिक्षा, स्वास्थ्य तथा जनकल्याण के कार्यों को बढ़ावा दिया। प्रेमजी फाउंडेशन देश के 2 लाख से अधिक पब्लिक स्कूलों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उनकी शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए योगदान कर रहा है। फाउंडेशन खुद कोई स्कूल नहीं चलता है, लेकिन स्कूलों के पाठ्यक्रम और बेहतर बनाने के लिए उसके 1600 फील्ड वर्कर काम कर रहे हैं।

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