भारतवंशी के लिखे शब्दों से जो बाइडेन ने अमेरिका ही नहीं, दिल भी जीत लिया 

0

वॉशिंगटन . ऑनलाइन टीम : अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति  जो बाइडेन ने संक्षिप्त किंतु प्रभावी भाषण से लोगों का दिल जीत लिया। एकता पर बल देने वाली शब्दों का चयन शानदार ढंग से किया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन की राष्ट्रपति के तौर पर  दी जाने वाली स्पीच आज से नहीं, बल्कि बीते साल नवंबर से ही लिखी जा रही थी और इसमें एकता, निष्पक्षता, आशावाद जैसे कई मुद्दों को शामिल किया जा रहा था। ऐसा लगता रहा कि आत्मीयता का बोध किसी भारतीय की ओर से कराया जा रहा है। और सच में ऐसा ही था। जो बाइडेन के जुबान से निकले एक-एक शब्द को एक भारतवंशी ने पहले कागजों पर उतारा था।

जी हां, हम बात कर रहे हैं तेलंगाना से संबंध रखने वाले सी. विनय रेड्डी की। रेड्डी ऐसे पहले भारतीय अमेरिकी व्यक्ति हैं जो राष्ट्रपति के भाषण लेखक के तौर पर नियुक्त हुए हैं। जो बाइडेन के पूरे कैंपेन के दौरान उन्होंने भाषण लिखे। साल 2013 से 2017 के बीच जब बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे, तब भी विनय रेड्डी उनकी टीम का हिस्सा थे और उनके मुख्य भाषण लेखक थे। विनय रेड्डी अमेरिका के ओहायो के डेटन में पले-बढ़े हैं और उप राष्ट्रपति के रूप में बाइडन के 2013-17 के कार्यकाल के दौरान वह उनके मुख्य भाषण लेखक थे।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले भाषण में कहा था कि लोकतंत्र की जीत हुई है। इनके एक-एक शब्द को देखें, तो इसमें भारतीयता झलक जो बाइडेने की टीम की ही तरह मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘आज का दिन अमेरिका का है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह इतिहास और आशा का दिन है। आज हम एक उम्मीदवार की जीत का नहीं, बल्कि एक उद्देश्य की, लोकतंत्र के उद्देश्य की जीत का उत्सव मना रहे हैं।

जनता की इच्छाओं को सुना और समझा गया है। हम श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की मानसिकता, घरेलू आतंकवाद को हराएंगे। मैं चाहता हूं कि प्रत्येक अमेरिकी हमारी इस लड़ाई में शामिल हो।’ छोटे-छोटे शब्दों में प्रभावी कदमों की बात को आंखें बंद करके ध्यान से सुनें और किसी भारतीय नेता का अक्स सामने रखें तो भ्रम हो सकता है। यह कमाल विनय रेड्डी का ही था।

You might also like
Leave a comment