Cyclone YAAS! पश्चिम बंगाल, ओडिशा सहित बिहार, झारखंड में दिखने लगा तूफान का असर
ऑनलाइन टीम- हाल ही में महाराष्ट्र और गुजरात में ताउते तूफान ने तबाही मचाई थी। अब बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र सोमवार को तूफान ‘यास’ (Yaas Cyclone) में तब्दील हो चुका है। यास तूफान और महाराष्ट्र के तूफान के फीचर्स बिल्कुल अलग होंगे। महाराष्ट्र में आए तूफान में कोस्टल एरिया में हाई इंटेंसिटी ज्यादा थी जो यहाँ पर कम देखने को मिलेगा। पहले मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि यह तुफान पश्चिम बंगाल को ज्यादा हिट करेगा लेकिन अब इसका सबसे ज्यादा उड़ीसा के उत्तरी भग में देखने को मिलेगा। यह जानकारी मेट्रोलॉजिकल सेंटर पटना के डायरेक्टर विवेक सिन्हा ने दी है।
मंगलवार की शाम एवं बुधवार की सुबह तक इसके उड़ीसा के बालासोर तट से टकराने के आसार हैं। इस दौरान हवा की गति 150 से 175 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। मंगलवार से बिहार की राजधानी पटना में भी तूफान का असर दिखेगा। राज्य के पूर्वी भाग में मंगलवार की शाम से बारिश हो सकती है। सुबह से कई इलाको में बादल छाए हुए हैं। तूफान के मद्देनजर मौसम विभाग ने बिहार में 25 व 26 के लिए येलो अलर्ट एवं 27 व 28 के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि, अभी खास इलाके को लेकर अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने ‘यास’ तूफान को देखते हुए राज्य के सभी जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है। सभी जिला पदाधिकारियों को तूफान की आशंका को देखते हुए उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए की तैयारी कर लेने को कहा गया है। साथ ही जिलों में तैनात आपदा मोचन बल को भी अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है। इस तूफान का असर बिहार में 27 से 30 मई के बीच दिख सकता है। इस दौरान भारी वर्षा और तेज हवा के साथ ठनका गिरने की घटना हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को तूफान की आशंका की जानकारी दी है। इसके लिए आपदा प्रबंधन को भेजे गये पत्र में मौसम विभाग ने कहा है कि ‘यास’ तूफान बंगाल की खाड़ी में दीघा के पास दिख रहा है। यह तूफान पश्चिम बंगाल और उत्तर उड़ीसा के भाग को 26 मई को क्रास करेगा। उन इलाकों में भी वर्षा और तेज आंधी से पेड़ गिरने और मकान आदि को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गई है।
मौसम विभाग ने कहा है कि इस तूफान का असर बिहार में 27 से तीस मई तक दिख सकता है। कुछ जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। साथ ही ठनका गिरने की आशंका भी है। इसका असर 27 और 28 मई को सबसे अधिक दिख सकता है। कहीं-कहीं पर तूफान का असर 28 घंटे तक रह सकता है।
कैसी है तैयारी
NDRF की 12 टीम बंगाल में 05 ,झारखंड में, 05 टाटा में रांची और देवघर और ओडिशा में दो टीम तैनात है। तूफान से निपटने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
चक्रवात का असर राज्य में मंगलवार से ही देखने को मिलेगा लेकिन बिहार में रेन फॉल 27 मई के बाद शुरू होगी। यहाँ मॉड्रेट तो हेवी रेनफॉल होगा। जैसेकि पूर्वानुमन था कि यह बंगाल को हिट करेगा लेकिन अब यह तुफान उत्तरी उड़ीसा को ज्यादा हिट करेगा। बंगाल उड़ीसा से गुजरते हुए यह तुफान बिहार झारखंड से होते हुए उत्तरी मध्यप्रदेश पर असर डालेगा। इसके लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। – विवेक सिन्हा, डायरेक्टर, मेट्रोलॉजिकल सेंटर पटना