पहले फांसी फिर जांच, ये नहीं होनेवाला… मुख्यमंत्री ठाकरे ने दिया विरोधियो को जवाब

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मुंबई : मनसुख हिरेन प्रकरण पर विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा आक्रामक नज़र आई। विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने गृहमंत्री के साथ कई लोगो पर शाब्दिक आक्रमण किया। इस मौके पर सचिन वांझे का मुद्दा सबसे गर्म रहा। सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विरोधियो को जवाब दिया है।

मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि मुंबई में विस्फोटक मिली, इसकी जांच शुरू है। पहले फांसी दो फिर जांच करो ये सही तरीका नहीं है। अभी कुछ लोगों ने यह प्रक्रिया शुरू की है। सभी शिकायतों की दखल हम ले रहे हैं। अभी एक नया तरीका आया है कि किसी एक को टार्गेट करो फिर उसका ढिंढोरा पीटो। ये गलत है। सचिन वाझे कभी शिवसेना में थे, हालांकि शिवसेना छोड़ने के बाद उनका पार्टी से कोई संबंध नहीं है। वाझे ना तो हमारे नेता हैं और ना ही मंत्री। मृत्यु के बाद उसकी जानकारी लेना सरकार का काम है। सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या के बाद जांच शुरू है।

जांच को दिशा देने का काम न करें

मोहन डेलकर ने आत्महत्या की है। उससे पहले उन्होने सुसाइड नोट लिखा है। उसमे कुछ लोगों के नाम हैं, उसकी जांच शुरू है। डेलकर के मामले में तो वहाँ के स्थानीय पदाधिकारी भजपा के कार्यकाल के मंत्री थे। जिलेटिन छड़ो की जांच शुरू है। पहले फांसी दो फिर जांच करो, ये तरीका नहीं अपना सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच को नई दिशा देने का काम कोई न करे। उन्होने इससे पहले सरकार चलाई है, उन्हे सब पता है।

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