भारत में पहली बार किसी कंपनी ने बनाई नीति, अपने कर्मचारियों को घरेलू हिंसा से बचाएगी  

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December 25, 2020

मुंबई. ऑनलाइन टीम : कोरोना महामारी के कारण दुनिया घरों में सिमट कर रह गई है और इस कारण घरों के वे सदस्य जो घंटे-दो घंटे आपस में मिल पाते थे, अब साथ-साथ 24 घंटे हैं। लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं। खासकर इसमें महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुई हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार,  घरेलू हिंसा की शिकायतें लॉकडाउन के पहले महीने दोगुना हो गई।

एक्शनऐड एसोसिएशन व गौरवी (सखी) वन स्टॉप सेंटर द्वारा जारी किए आंकड़ों से। लॉकडाउन के दो माह में 1725 महिलाओं ने गौरवी के टोल फ्री नंबर 18002332244 पर मदद की गुहार लगाई। इसमें से 696 ने घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की शिकायत की, जबकि 70 से ज्यादा महिलाएं सीधे गौरवी केंद्र सहायता के लिए पहुंचीं। अध्ययनों से पता चला है कि जब लोग घरेलू हिंसा का शिकार होते हैं, तो कई बार उन्हें अपने करीबियों से सपोर्ट नहीं मिलता है और उसका परिणाम घातक होता है।

देश में संभवत:पहली बार किसी कंपनी ने अपने कर्मचारियों को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए कोई नीति बनाई है। दिग्गज एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान युनिलीवर का मकसद काम के इतर निजी जिंदगी  में भी कर्मचारियों का ध्यान रखना है। ध्यान रहे, कंपनी ने ऐसे समय यह नीति बनाई है जब ऑफिस में काम करने वाले कई कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। नीति के इसके तहत कर्मचारी को तुरंत मेडिकल हेल्प  और साइकोलॉजिकल काउंसलिंग सपोर्ट  दिया जाएगा। साथ ही उन्हें 10 दिन की पेड लीव , 15 दिन के लॉजिंग और बोर्डिंग खर्च का रिइंबर्समेंट और किसी अन्य शहर में कंपनी के ऑफिस में एक महीने तक टेम्पररी वर्क अरेंजमेंट किया जाएगा।