2 बजे सरकार से मीटिंग… किसानों के बड़े मुद्दों का हल भी निकल सकता है

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : आंदोलन के 40वें दिन आज सोमवार को दोपहर 2 बजे  सरकार के साथ किसानों की 8वें राउंड की बातचीत होगी।     बता दें कि 30 दिसंबर की मीटिंग में 2 मुद्दों पर सहमति बनी थी, जिसमें पहला था पराली जलाने पर केस दर्ज नहीं होंगे और दूसरा बिजली अधिनियम में बदलाव नहीं होगा। इन 2 मुद्दों पर सहमति बनने के बाद किसानों के रुख में नरमी दिखी।

सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में किसानों के बड़े मुद्दों का हल भी निकल सकता है। सरकार समर्थन मूल्य और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी  के मुद्दों पर लिखित में भरोसा दे सकती है। इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था की जा सकती है कि प्राइवेट कंपनियां मंडियों में MSP से कम भाव पर फसलों की खरीद नहीं कर पाएं।

याद रहे, सरकार और किसानों के बीच अबतक 7 दौर की बातचीत हो चुकी है जिसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। हालांकि इस दौरान दोनों पक्षों के बीच दो मुद्दों पर सहमति जरूर बन गई है। अब आज दोनों पक्षों के बीच आठवें दौर की बातचीत होनी है जो दोपहर 2 बजे राजधानी दिल्ली में स्थित विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी। पीएमओ ने आज होने वाली बैठक को लेकर संबंधित मंत्रियों से फीडबैक लिया है। वहीं प्रस्तावित बातचीत से पहले केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क होकर आगे की रणनीति पर काम कर रही है। दूसरी तरफ, बैठक से पहले किसान संगठनों ने तेवर जिखाते हुए कहा कि कानून रद्द करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं।

पहला दौरः 14 अक्टूबर :   मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आए। किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया। वो कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे।

दूसरा दौरः 13 नवंबर :  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की। 7 घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

तीसरा दौरः 1 दिसंबर :  तीन घंटे बात हुई। सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे।

चौथा दौरः 3 दिसंबर :  साढ़े 7 घंटे तक बातचीत चली। सरकार ने वादा किया कि MSP से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। किसानों का कहना था सरकार MSP पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे।

5वां दौरः 5 दिसंबर :  सरकार MSP पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे।

6वां दौरः 8 दिसंबर :  भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया।

7वां दौर: 30 दिसंबर : नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। दो मुद्दों पर मतभेद कायम, लेकिन दो पर रजामंदी बनी।

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