Murlidhar Mohol | सफलता के ‘शिखर’ पर पहुंचने के लिए प्रकृति प्रेमियों का साथ उर्जा देगा : मुरलीधर मोहोल

पर्वतारोही, गिरीप्रेमी, दुर्गप्रेमी, साइकलिस्ट, खिलाड़ियों का स्नेह सम्मेलन
सम्मेलन में सफलता के ‘शिखर’ पर पहुंचने का संकल्प
पुणे : पुलिसनामा ऑनलाइन – Murlidhar Mohol | ऐतिहासिक धरोहरों का जतन करने में पहाड़ प्रेमी और दुर्ग प्रेमियों का योगदान काफी महत्वपूर्ण है. पर्वतारोहियों और साइकलिस्टों का उत्साह देखकर मुझे काफी प्रेरणा मिलती है. लेकिन इस समारोह में आकर इन प्रकृति प्रेमियों से मुझे प्रकृति समृद्ध पुणे को नए सिरे से जानने का मौका मिला है. इस समारोह में जो उम्मीदें लोगों द्वारा व्यक्त की गई है उन सभी को पूरा करने के लिए आप सभी हमारा साथ दे. क्योंकि यहां आकर मुझे प्रकृति प्रेमियों का जो साथ मिला है. वह मुझे सफलता के शिखर को छूने की उर्जा देगा. यह विचार भाजपा– शिवसेना–राष्ट्रवादी कांग्रेस-रिपब्लिकन पक्ष (आठवले गुट) व मित्र दलों के महायुति के पुणे के उम्मीदवार मुरलीधर मोहोल ने व्यक्त किए. (Murlidhar Mohol)
सिंहगढ़ परिवार फाउंडेशन, नरवीर पिलाजीराव गोले प्रतिष्ठान, गरुडझेप और झेप पर्वतारोही संस्था द्वारा संयुक्त रुप से पर्वतारोही, पहाड़ प्रेमियों, दुर्ग प्रेमियों, साइकलिस्ट, खिलाड़ियों का स्नेह सम्मेलन आयोजित किया गया था. इसी सम्मेलन में वे बोल रहे थे. इस मौके पर मोहोल का पर्वतारोहियों की तरफ से स्वागत किया गया. इस मौके पर गिरीप्रेमी संस्था के अध्यक्ष उमेशजी झिरपे, सीनियर पर्वतारोही सुनीता नाडगीर, पांच गिनीज रिकॉर्ड होल्डर प्रीति मस्के, निरूमा भावे, डॉ. नंदकिशोर मते, सुरेंद्र दुग्गड, लहु उघडे, हर्षल राव, मोहन ओगले, विकास करवंदे, नारायण बतुल, प्रकाश केदारी, सौरभ करडे, मारुती आबा गोले के साथ ही सभी गिरीप्रेमी, दुर्ग प्रेमी, साइकलिस्ट और खिलाड़ी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
मोहोल ने कहा कि ‘मै खुद खिलाड़ी होने की वजह से खेल के लिए मानसिक और शारीरिक संरचना कैसी होती है? इसका मुझे अनुभव है. अब हमारे समय के खेल में साहसिक खेल भी जुड़ गए है. यहां सह्याद्रि से एवरेस्ट तक चढ़ाई करने वाले कई लोग मुझे नजर आ रहे है. आगे भी साहसिक खेलों को प्रोत्साहन देना और उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मेरी होगी इसे लेकर मुझपर विश्वास करे.
इस जोखिम के क्षेत्र में कई बार कई भाइयों की दर्दनाक मौत हुई है. उन सभी के हिम्मत और साहस को मोहोल ने श्रद्धांजलि अपिर्त की. इस मौके पर खिलाड़ियों की तरफ से कहा गया कि पुणे शहर प्रकृति के करीब रहने वाला शहर है. यहां पिछले कुछ वर्ष में साहसिक खेलों को पसंद करने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है. पुणे सह्याद्रि की गोद में होने के कारण साहसिक खेलों की सुविधा बढ़ाने पर इसका फायदा प्रकृति प्रेमी पर्यटकों को हो सकता है. दुर्ग प्रेमियों ने राज्य के सभी किलों पर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई.
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