मजदूरों के लिए राहत की खबर : इन राज्यों ने किया ऐलान कहा- मजदूरों को नहीं देना होगा रेल किराया
भोपाल : पोलिसनामा ऑनलाइन – आज से लॉकडाउन का तीसरा फेज भी शुरू हो गया है। ऐसे में मजदूरों के लिए राहत की खबर है। दरअसल अलग राज्यों में फंसे मजदूरों को बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक पहुंचाने के लिए ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। एक तरफ जहां लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की घर वापसी हो रही है, वहीं रेल किराया चुकाने को लेकर राजनीतिक दलों की बयानबाजी शुरू हो गयी है।
इस बीच बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने मजदूरों का रेल किराया चुकाने का ऐलान कर दिया है। मजदूरों से किराया लेने के आरोपों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो किराये के साथ-साथ अलग से पैसे देने की भी घोषणा कर दी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि बाहर से आने वाले छात्रों और मजदूरों का किराया राज्य सरकार वहन करेगी। सीएम ने साफ किया कि जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, वो जिस स्टेशन पर आएंगे वहां से उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक ले जाया जाएगा। सीएम ने कहा कि जब मजदूर या बाहर से आए लोग 21 दिन बाद क्वारंटाइन सेंटर से निकलेंगे तो खर्च के अलावा 500 रुपए जिसके लिए न्यूनतम 1000 रुपए की राशि तय की गई है, दी जाएगी।
इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार भी आगे आई है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की घोषणा के बाद ट्वीट कर प्रवासी मजदूरों का खर्च उठाने का ऐलान किया। सीएम बघेल ने अपने ट्वीट में कहा कि मजदूरों के लौटने का खर्च देने की घोषणा कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की है। कोटा से जैसे हम बच्चों को लाए हैं, आगे भी शासन और कांग्रेस मिलकर मजदूरों को वापस लाएंगे। सीएम बघेल के इस ट्वीट के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भी कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार की मदद से प्रवासी मजदूरों के लौटने का किराया वहन करेगी।
एमपी सरकार भी नहीं रहे पीछे –
प्रवासी मजदूरों को लाने वाली ट्रेनें चलाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने रेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। इसको लेकर सरकार ने साफ कर दिया है कि इन ट्रेनों में सफर करने वाले मजदूरों का किराया सरकार चुकाएगी। मजदूरों के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूर 0755-2411180 फोन नंबर पर कॉल कर अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए सभी मजदूरों को नाम लिखवाना जरुरी। है