Pune News | भावगंधर्व मंगेशकर ने जगाई लतादीदी की स्वरमयी यादें ! गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर के स्मृति में गायिका विभावरी आपटे-जोशी को ‘दीदी पुरस्कार’ प्रदान

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पुणे : पुलिसनामा ऑनलाइन – Pune News | “लतादीदी के लिए मैं आखिर तक बाल था. मरते तक उन्होंने मेरा बहुत ख्याल रखा. उनके गले में साक्षात सरस्वती बैठती थी. उनमे ईश्वर का अंश था. उम्र के पांच साल से वह पिताजी के सानिध्य में गा रही थी. अलग अलग भाषाए, शब्दों और लफ्जो को सीखकर वो सभी तरह के गाने गाती थी. उन्होंने गाए सभी गाने अजरामर है. वो बहुत संवेदनशील और सामाजिक भावना उन्मुख थी. उसके जाने से संगीत सागर का एक हिमनग ढल गया है. दो साल के बाद मैं पूरी तरह से सवारा नहीं हूँ, ऐसे शब्दों में लतादीदी के छोटे भाई भावगंधर्व पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने उनकी यादें जगाई. (Pune News)

गानसम्राज्ञी भारतरत्न लता मंगेशकर के दूसरे स्मृतिदिवस पर मंगेशकर परिवार द्वारा संगीत क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा के लिए गायिका विभावरी आपटे-जोशी को ‘दीदी पुरस्कार’ प्रदान किया गया. वरिष्ठ गायिका उषा मंगेशकर व दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. धनंजय केळकर के हाथो यह समारोह हुआ. कोथरुड स्थित यशवंतराव चव्हाण नाटय़गृह में हुए इस समारोह में भावगंधर्व पंडित हृदयनाथ मंगेशकर, प्रसिद्ध गायक राहुल देशपांडे, भारती मंगेशकर, आदिनाथ मंगेशकर, संयोजन समिती सदस्य व गायिका मनीषा निश्चल, निश्चल लताड आदी उपस्थित थे.

इस वक्त सादर हुए ‘विश्वमोहिनी लता दीदी’ सांगीतिक मैफल से श्रोता मंत्रमुग्ध हुए. भावगंधर्व पंडित हृदयनाथ मंगेशकर सहित गायक राहुल देशपांडे, गायिका विभावरी आपटे-जोशी, मनीषा निश्चल, प्राची देवल, गायक श्रेयस बेडेकर ने लतादीदी के गाने गाए.

‘श्रीरामचंद्र कृपाळू भजमन’ इस गाने से मैफल की शुरवात हुई. बाद में लग जा गले… एक प्यार का नगमा है… रुक जा रात ठहर जा रे चंदा… आज कल पाव जमी पर पडते नहीं मेरे… अखेरचा हा तुला दंडवत… तू तेव्हा तशी… ये दिल और उनकी निगाहो के साये… ऐसे गानों ने श्रोताओं का दिल जित लिया. हर गाने पर ‘वन्स मोअर’ की मांग कलाकारों को प्रेरित कर रही थी.

मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की हृदयनाथ मंगेशकर ने लिखी यादों को पढ़कर उनकी कुछ चीजों को राहुल देशपांडे ने सादर किया. साथ ही मंगेशकर और देशपांडे परिवार के बिच रहे संबंधो और कुछ पुरानी यादों पर प्रकाश डाला. लतादीदी के कुछ गानों के रिकार्डिंग के वक्त हुए किस्से मंगेशकर ने बताये.

रवींद्र खरे ने निवेदन किया. सिंथेसायझर पर विवेक परांजपे व अमृता ठाकूरदेसाई, तबले पर डॉ. राजेंद्र दूरकर व विशाल गंड्रतवार, बासरी पर निलेश देशपांडे, सतार पर प्रसाद गोंदकर, ऑक्टोपॅड पर ऋतुराज कोरे, गिटार पर विशाल थेलकर ने साथ की.

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