खेल मंत्री ने कहा-‘खेलो इंडिया’ खेलो’ , भविष्य का चैंपियन बनने के लिए यही एकमात्र रास्ता है

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नई दिल्ली . ऑनलाइन टीम – भारत को खेल महाशक्ति बनाने के लिए, हमें पांच-दस साल की उम्र में प्रतिभा को पहचानना होगा और भविष्य का चैंपियन बनने के लिए तैयार करना होगा। ओलंपिक के लिए एक एथलीट को तैयार करने में कम से कम आठ साल लगते हैं। अगर हम इससे अधिक उम्र की प्रतिभा की पहचान करते हैं, तो ओलंपिक के लिए उनकी संभावनाएं सीमित होगी। यह कहना है केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू का। उन्होंने राज्यों से जमीनी स्तर से बड़ी संख्या में प्रतिभाओं को तलाशने के लिए अपने स्तर पर सक्रिय रूप से ‘खेलो इंडिया’ खेलो’ को आयोजित करने की सलाह दी।

खेल मंत्री ने खेलो इंडिया योजना की आम परिषद की पहली बैठक के दौरान कहा, ”जो राज्य पहले से ही वार्षिक खेल प्रतियोगिताओं का संचालन करते हैं, वे खेलो इंडिया योजना के साथ जुड़ सकते हैं और केंद्र इन आयोजनों के संचालन में उनकी मदद करेगा। खेलो इंडिया योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली वार्षिक प्रतियोगिताओं, जैसे कि ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स एवं यूनिवर्सिटी गेम्स’ ने सभी राज्यों से खेल प्रतिभाओं की पहचान करने में मदद की है। यह हालांकि पर्याप्त नहीं है।”
किरेन रिजिजू की अध्यक्षता में हुई बैठक में खेल सचिव रवि मितल, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महासचिव संदीप प्रधान और खेल मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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