पीएफ कार्यालय पर सुप्रीम कोर्ट का चाबुक चला

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पुणे : पोलीसनाम ऑनलाईन – केरल हाईकोर्ट द्वारा कर्मचारियों के पेंशन वृद्धि के संदर्भ में दिए गए निर्णय के खिलाफ भविष्य निर्वाह निधि कार्यालय (पीएफओ) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पीएफओं की याचिका खारिज कर दी है। इस तरह कर्मचारियों के पूरे वेतन पर पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली स्थित मुख्य पीएफ कार्यालय ने देशभर के पीएफ कार्यालयों से पेंशनधारकों का डाटा मंगवाया है।

दिल्ली स्थित पीएफ कार्यालय द्वारा मंगाए गए डाटा पर देनदारी की शुरुआत देशभर के पीएफ कार्यालय ने की है। पीएफ कार्यालय के सीनियर अधिकारी का कहना है कि कोर्ट के निर्णय से पीएफ कार्यालय को तगड़ा झटका लगा है। इस निर्णय से कंपनियों के लिए पीएफ और पेंशन की रकम पीएफ कार्यालय में जमा करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले कुछ कंपनियां बढ़ाये गये वेतन से पीएफ व पेंशन की रकम काट ली थी। लेकिन यह रकम वापस जमा नहीं की गई। उन्हें अब पीएफ और पेंशन की रकम समय पर जमा करानी होगी। लेकिन जिन कंपनियों ने पीएफ कार्यालय द्वारा कर्मचारियों के पीएफ और पेंशन की रकम नियमित रूप से जमा की है। उन कंपनियों के कर्मचारियों को कोर्ट के इस निर्णय से राहत मिलेगी।

कर्मचारियों द्वारा पेंशन पाने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स और शर्तों को पूरा करने के बावजूद पीएफ कार्यालय से पैसा मिलने में बिलंव हो रहा था। ईपीएस 1995 पेंशन योजना सर्वोत्तम पेंशन योजना है। इस योजना से कर्मचारियों को काफी अच्छा लाभ मिलता है। पेंशन योजना का भी लाभ कर्मचारियों को मिले इसके लिए उनका डाटा एकत्रित करने के लिए दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय ने पेंशनधारकों का डाटा मंगवाया है।

प्रमुख रूप से पीएफ कार्यालय के सदस्य, विधवा, बिधुर, नॉमिनी, बच्चे, अनाथ बच्चों पर निर्भर नागरिक इस योजना के तहत पीएफ कार्यालय में दावा कर सकते हैं। यह जानकारी पीएफ कार्यालय के कर्मचारी ने दी।

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