तेजस्वी पर लड़कियां भी घायल, मिले थे 42 हजार से ज्यादा विवाह के प्रस्ताव

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पटना.ऑनलाइन टीम – लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की राजनीति में धमक तेज होती जा रही है। उनकी सारी राजनीति लालू प्रसाद के बनाए जातीय और सामाजिक समीकरण पर टिकी है, लेकिन इस बार वे चाहते हैं कि वोटिंग लालू प्रसाद के नाम पर न हो। तभी तो लालू-राबड़ी के आवास के बाहर लगे होर्डिंग से लेकर पटना और राज्य के हर हिस्से में राजद ने जो पोस्टर, होर्डिंग्स लगाए हैं उनमें लालू प्रसाद की फोटो नहीं है। ज्यादातर जगहों पर राबड़ी देवी की तस्वीर भी नदारद है। हर जगह पार्टी तेजस्वी यादव का चेहरा दिखा रही है। विरोधी भी कई मौके पर उनके अंदाज के कायल हो रहे हैं। घायल लड़कियां भी रही हैं। 42 हजार से ज्यादा विवाह के प्रस्ताव इसकी पुष्टि के लिए काफी हैं।

दरअसल, 2016 में तेजस्वी नीतीश सरकार में उप मुख्यमंत्री के साथ सड़क निर्माण मंत्री थे। उस दौरान उन्होंने अपना एक व्हाट्सअप नंबर सार्वजनिक कर दिया था। इस नंबर पर शिकायतों से ज्यादा लड़कियों के प्रपोजल आने शुरू हो गए। आरजेडी के नेताओं की मानें तो उन्हें 42 हजार से ज्यादा विवाद के प्रस्ताव मिले थे। अब इस जानकारी के बाद लाजिमी हो जाता है कि उनके अतीत के पन्ने एक बार फिर पलटे जाएं।

राजनीति में आने से पहले तेजस्वी क्रिकेट में अपना करियर तलाश रहे थे। वह 2008 से 2012 तक दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम के सदस्य थे, लेकिन उन्हें कभी भी ग्राउंड पर उतरने का चांस नहीं मिला। वह हमेशा पवेलियन में रहे। वह झारखंड की स्टेट क्रिकेट टीम के सदस्य के तौर पर रणजी ट्रॉफी खेल चुके थे। कहा जाता है कि लालू प्रसाद यादव उन्हें ज्याद पसंद करते थे, इसलिए कदम राजनीति की ओर बढ़ गए। यही वजह थी कि 2015 के चुनाव में जब राजद और जदयू की संयुक्त सरकार बनी तब लालू ने तेजस्वी को डिप्टी सीएम बनवाया। बाद में जदयू ने भाजपा के साथ सरकार बना ली तो महज 27 वर्ष की उम्र में वह नेता प्रतिपक्ष बने जो कि एक रिकॉर्ड है।

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