गिरीश बापट का बढ़ता राजनीतिक कद, विधानसभा से लोकसभा पहुंचे

0

पुुुणे :  पोलीसनामा ऑनलाईन – इमर्जेंसी के बाद जेल से रिहा होने पर गिरीश बापट ने शनिवारवाड़ा में आयोजित सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ङ्गमैं दिल्ली जाकर पुणेवासियों के मुद्दे उठाऊंगा।फ उनकी यह घोषणा करीब 43 साल बाद सच साबित हुई। मनपा एवं विधानसभा के बाद अब गिरीश बापट लोकसभा में प्रवेश कर रहे हैं। कहा जा सकता है कि राजनैतिक क्षेत्र में इतने लंबे समय तक सक्रियता का उन्हें अब फल मिल रहा है। इमर्जेंसी के दौरान शुरू किया गया उनका राजनैतिक सफर एक नई मंजिल तक पहुंच गया है।

राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत गिरीश बापट द्वारा लोकसभा चुनाव लड़ने की  बात कहे जाने पर कई लोगों की भौंहें चढ़ गई थीं, मगर वे अपने निर्णय पर कायम रहे तथा पुणे लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी का टिकट प्राप्त करने में भी सफल रहे।

गिरीश बापट द्वारा अब तक किए गए जनसंपर्क के चलते उनकी विजय सुनिश्चित मानी जा रही थी, मगर उन्होंने प्रचार के प्रबंधन से लेकर चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत की। एकतरफा लड़ाई की गलतफहमी से दूर रहते हुए उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ तीन सप्ताह पहले ही चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। राष्ट्रीय स्तर के नेता भी यहां उनके प्रचार के लिए पहुंचे। बीजेपी का शहर में संगठन एवं महायुति में शामिल मित्र पार्टियों का एक-दूसरे के साथ अच्छा समन्वय उनके लिए सकारात्मक व लाभदायी साबित हुआ।

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते मतदाता उत्साहित थे। उसकी तुलना में इस बार मतदान कम (49।48%) हुआ। प्रतिशत कम होने के बावजूद इस बार मतदाताओं की संख्या में 40 हजार की वृद्धि दर्ज की गई। कम मतदान के लिए मतदाता सूचियों में त्रुटियां, प्रशासन की उदासीनता तथा तेज गर्मी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कई एक्सपर्ट्स ने भविष्यवाणी की थी, कि मतदान का कम प्रतिशत महायुति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, मगर मतदाताओं ने इन सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया।

गिरीश बापट के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों के नाम को दृष्टि में रखते हुए यह मुकाबला एकतरफा है, यह बात स्पष्ट हो गई थी, मगर बीजेपी ने चुनाव प्रचार पर पूरा ध्यान दिया। 2014 में जिन लोकसभा क्षेत्रों में 50% से कम मतदान हुआ वहां अलग व्यूहरचना की गई थी।

चुनाव प्रचार के दौरान गिरीश बापट की व्यक्तिगत रूप से आलोचना की कोशिश भी हुई, मगर उन्होंने इस पर ध्यान न देते हुए विकास के मुद्दे पर प्रचार जारी रखा। महायुति ने अपने घोषणापत्र में स्मार्ट सिटी, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं, मेट्रो प्रोजेक्ट एवं पुणे के विभिन्न मुद्दों को शामिल किया था। साथ ही चौबीस घंटे पानी सप्लाई तथा भामा-आसखेड़ से पानी उपलब्ध कराने के मुद्दे प्रभावशाली साबित हुए। भारी बहुमत के साथ गिरीश बापट पुणे के तेरहवें तथा बीजेपी के चौथे सांसद चुने गए। इससे पहले अण्णा जोशी, प्रदीप रावत एवं अनिल शिरोले लोकसभा में बीजेपी की ओर से पुणे का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

गिरीश बापट ने कहा, ङ्गयह चुनाव ऐतिहासिक व अविस्मरणीय रहा। चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने वाले पुणेवासी भी अभिनंदन के पात्र हैं। मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं। प्रभावशाली तरीके से चुनाव प्रचार करने में असफल रहे  विपक्षियों के उदासीन मतदाताओं ने मतदान ही नहीं किया। दूसरी तरफ बीजेपी द्वारा सूत्रबद्ध तरीके से प्रचार किए जाने के चलते मतदाताओं ने बीजेपी को प्राथमिकता दी। अब हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है। हम घोषणापत्र में दिए गए आश्वासनों को पूर्ण करने पर जोर देंगे। मुझे वोट देने वालों तथा न देने वालों को लेकर मेरी नीति जो दे उसका भी भला और जो न दे उसका भी भलाफ वाली है। हम ङ्गसबका साथ, सबका विकासफ के सूत्र के अनुसार काम करते रहेंगे।

You might also like
Leave a comment